Google ने भारत की पहली महिला डॉक्टर Kadambini Ganguly के जन्मदिन पर बनाया खास डूडल, जानें उनके बारे में सबकुछ यहां
Google ने भारत की पहली महिला डॉक्टर कादंबिनी गांगुली (Kadambini Ganguly) के 160वें जन्मदिन के अवसर पर खास डूडल बनाया है। कंपनी ने इस डूडल के जरिए कादंबिनी गांगुली को सम्मान दिया है। इस डूडल में उनकी एनिमेटेड तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।
By Ajay VermaEdited By: Updated: Sun, 18 Jul 2021 09:43 AM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। अमेरिका की टेक्नोलॉजी कंपनी गूगल (Google) ने भारत की पहली महिला डॉक्टर कादंबिनी गांगुली (Kadambini Ganguly) के 160वें जन्मदिन के अवसर पर खास डूडल बनाया है। इस डूडल में उनकी एनिमेटेड तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। साथ ही इसमें हार्ट-बीट चेक करने वाले उपकरण स्टेथोस्कोप को भी दर्शाया गया है। इस डूडल पर क्लिक करने पर यूजर्स को कादंबिनी गांगुली से जुड़ी जानकारी मिल जाएगी।
Kadambini Ganguly का जन्म देश की पहली महिला डॉक्टर कादंबिनी गांगुली का जन्म 18 जुलाई 1861 भागलपुर में हुआ था। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी बनने के साथ-साथ समाज की परवाह किए बिना डॉक्टर की उपाधी प्राप्त की। इन्हें महिला अधिकार संगठन का पहला सह-संस्थापक भी बनाया गया।
Kadambini Ganguly की शिक्षा कादंबिनी गांगुली ने डॉक्टर की उपाधी प्राप्त करने से पहले सन 1883 में इतिहास से स्नातक किया था। उन्होंने सन 1884 में कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लिया और सन 1886 में चिकित्सा की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद कादंबिनी गांगुली ने यूके यानी यूनाइटेड किंगडम में जाकर स्त्री रोग का अध्ययन किया और वापस भारत आकर निजी प्रैक्टिस करना शुरू किया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल डॉक्टर कादंबिनी गांगुली की बायोग्राफी पर एक टीवी सीरीज बनाई गई, जिसका मुख्य उद्दश्य नई पीढ़ी को प्रेरित करना था।
गूगल ने डॉक्टर कादंबिनी गांगुली से पहले खगोलशास्त्री मार्गेरीटा हैक के जन्मदिन के खास अवसर पर डूडल बनाया था। इस डूडल में मार्गेरीटा को टेलीस्कोप के जरिए आकाश में देखते हुए दिखाया गया। इस गूगल को अंतरिक्ष की थीम दी गई थी।
खगोलशास्त्री मार्गेरीटा हैक का जन्म 12 जून 1922 में हुआ था। मार्गेरीटा हैक ट्राएस्टे यूनिवर्सिटी में एस्ट्रो फिजिक्स की प्रोफेसर थी। उन्होंने सितारों की रासायनिक संरचना और उनके सतह के तापमान और गुरुत्वाकर्षण का अध्ययन किया था। सन 1970 में मार्गेरीटा ने कोपर्निकस उपग्रह से यूवी डेटा पर काम किया, जिसका मुख्य उद्देश्य तारकीय वातावरण के बाहरी हिस्से में होने वाली ऊर्जावान घटनाओं और बड़े लेवल पर नुकसान का पता लगाना था।