AI को स्मार्ट बनाने के लिए Google पढ़ सकता है आपकी पर्सनल जानकारी, जानिए क्या हैं इसके खतरे
रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि Google अपने एआई टूल बार्ड को स्मार्ट बनाने के लिए आपकी निजी जानकारी को पढ़ सकता है। कथित तौर पर गूगल अपने बार्ड में कई उन्नत चीजें जोड़ने के लिए ये काम कर रहा है। अगर ऐसा होता है तो इससे यूजर्स की प्राइवेसी को लेकर सवाल खड़े होंगे। आइए इसके बारे में जानते हैं।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की भूमिका तेजी से बढ़ रही है और इस बढ़ती हुई तकनीक को टेक कंपनियां भी अपने डिवाइस में जमकर इस्तेमाल कर रही हैं। वहीं, दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी गूगल भी हर जगह एआई तकनीक को ला रही है।
ऐसे में इन दिनों कहा जा रहा है कि गूगल अपने एआई टूल बार्ड को स्मार्ट बनाने के लिए आपकी निजी जानकारी को पढ़ सकता है।
गूगल Bard होगा बेहतर
रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि गूगल अपने एआई टूल बार्ड को स्मार्ट बनाने के लिए आपकी निजी जानकारी को पढ़ सकता है। कथित तौर पर गूगल अपने बार्ड में कई उन्नत फीचर जोड़ने के लिए ये काम कर सकता है। हालांकि, इस दौरान यूजर्स की प्राइवेसी का ख्याल रखा जाएगा। लेकिन कुछ मामलों में यूजर्स की सिक्योरिटी को लेकर सवाल खड़े हो सकते हैं।हालिया रिपोर्ट से पता चलता है कि गूगल अपने बार्ड की बेहतर ट्रेनिंग के लिए ये योजना बना रहा है। गूगल का मकसद बार्ड की ट्रेनिंग के पीछे इसे मौजूदा समय से और भी बेहतर बनाना है। अगर ऐसा होता है तो जाहिर तौर पर ये प्राइवेसी को लेकर डरावना है।
गूगल पढ़ेगा आपके मैसेज
भले ही हम सभी इस बात से सहमत हो सकते हैं कि एआई वैयक्तिकरण का मतलब आप किसके साथ चैट कर रहे हैं उसके आधार पर सहायक को आपकी प्रतिक्रिया के मूड से मेल खाना होगा। इसके लिए एआई मैसेज हिस्ट्री को पढ़कर संपर्क के साथ आपके रिश्ते को समझने की भी कोशिश करेगा, जो एक और प्रमुख खतरे का संकेत है। यानि हम जो भी मैसेज भेजेंगे वह भी प्राइवेसी को लेकर खतरे में होंगे।
डेटा के मामले में Google का ट्रैक रिकॉर्ड वैसे भी पहले से विवादास्पद रहा है और यह विकास एक बार फिर यूजर्स की प्राइवेसी को लेकर खतरे का संकेत देता है।ये भी पढ़ें- टेलर स्विफ्ट से लेकर जो बाइडन तक हुए Deepfake का शिकार, इससे बचने के लिए अपनाएं ये तरीके