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Google Project Starline : बदलने वाला है वीडियो कॉलिंग का अंदाज, अब नहीं सताएगा दूरी का एहसास

Google की तरफ से Google के जारी सालाना Google IO इवेंट में प्रोजेक्ट स्टारलाइन (Project Starline) का ऐलान किया गया है। Google Starline Project में वीडियो कॉलिंग के दौरान ऐसा महसूस होगा कि आमने-सामने बैठकर बातचीत की जा रही है।

By Saurabh VermaEdited By: Updated: Thu, 20 May 2021 07:54 AM (IST)
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यह वीडियो कॉलिंग की प्रतीकात्मक फाइल फोटो है।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। भारत समेत दुनियाभर में आने वाले दिनों में वीडियो कॉलिंग का अंदाज बदलने वाला है। दरअसल Google की तरफ से Google के जारी सालाना Google IO इवेंट में प्रोजेक्ट स्टारलाइन (Project Starline) का ऐलान किया गया है। जिसमें मीलों दूर बैठे व्यक्ति से वीडियो कॉलिंग की जा सकेगी। हालांकि इसमें कुछ नया नहीं है, वीडियो कॉलिंग पहले भी की जाती रही है। लेकिन Google Starline Project में वीडियो कॉलिंग के दौरान ऐसा महसूस होगा कि आमने-सामने बैठकर बातचीत की जा रही है। 


वीडियो कॉलिंग का 3D अवतार 

साधारण शब्दों में कहें, तो वीडियो कॉलिंग को 3D अवतार में कन्वर्ट किया जा सकेगा। Google वीडियो कॉलिंग के दौरान Google यूजर का 3D रियल लाइफ वर्जन पेश करेगा। मतलब अब वीडियो कॉलिंग को दो फ्लैट 2D डायमेंशन की जगह 3D की जगह किया जा सकेगा, जहां आप सामने व्यक्ति के साथ आई कॉन्टैक्ट कर पाएंगे। इससे ऐसा एहसास होगा कि आमने-सामने बैठकर बातचीत की जा रही है। ऐसा संभव होगा Google Project Starline की वजह से। Google का यह प्रोजेक्ट लॉकडाउन के वक्त में काफी कारगर साबित होने वाला है।

3D होलोग्राम बनाना होगा संभव

बता दें कि दिग्गज टेक कंपनियां वर्चुअली मीटिंग के दौरान इस तरह की 3D वीडियो कॉलिंग करती रही है। Microsoft जैसी टेक कंपनियों की तरफ से अपने मिक्सड रिएल्टी प्लेटफॉर्म Mesh को पेश किया जा चुका है। इसी तर्ज पर Google भी अपने प्रोजेक्ट Starline की एक झलक Google के जारी IO कॉन्फ्रेंस में पेश की है। कंपनी की मानें, तो Google Starline प्रोजेक्ट के एंडवांस्ड हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के साथ पेश किया गया है, जिससे दोस्तों, परिवार के लोगों और सहकर्मियों को एक साथ होने का एहसास कराया जा सकेगा, जो मौजूदा वक्त में अलग-अलग जगह से काम कर रहे हैं। Google के मुताबिक कंप्यूटर  विजन, मशीन लर्निंग, spatial ऑडियो की वजह से रिएलिस्टिक 3D होलोग्राम को संभव बनाया जा सका है।