गूगल प्लस से 5 लाख यूजर्स का डाटा हुआ प्रभावित, बंद होगी सर्विस, जानें क्या है पूरा मामला
गूगल ने सोमवार को अपने सोशल नेटवर्क गूगल प्लस को बंद करने की घोषणा कर दी है।
By Sakshi Pandya Edited By: Updated: Tue, 09 Oct 2018 05:16 PM (IST)
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। गूगल ने सोमवार को अपने सोशल नेटवर्क गूगल प्लस को बंद करने की घोषणा कर दी है। गूगल के प्रोजेक्ट स्ट्रोब द्वारा पाए गए विश्लेषण के अनुसार गूगल प्लस को बंद करने के पीछे का कारण यह है की गूगल अपने प्रोडक्ट को सफलतापूर्वक बढ़ा नहीं पाया। गूगल इस प्रोडक्ट को लेकर उपभोक्तओं की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया। गूगल प्लस को बंद करने की खबरें तो काफी समय से आ रही थी, लेकिन फिर भारत में ही सही इस प्रोडक्ट को यूजर्स इस्तेमाल कर रहे थे। हालांकि, इस मामले की दो बड़ी बातें हैं जो सबसे ज्यादा ऑनलाइन यूजर्स को प्रभावित करती हैं।
गूगल ने ऐप्स को सीमित करने का निर्णय लिया:यहां एक बड़ा बिंदु जीमेल का है। गूगल ने उन ऐप्स को सीमित करने का फैसला लिया है जो यूजर्स से डाटा इस्तेमाल करने के लिए परमिशन मांगती हैं। अब से जो ऐप्स सीधे ईमेल फंक्शन करने में जिम्मेदार हैं, वो ही डाटा एक्सेस कर पाएंगी। इससे एक बड़ा प्रश्न यह उठता है की क्या अब तक ये ऐप्स डाटा का गलत इस्तेमाल कर रही थीं? अन्यथा गूगल एप्स परमिशन से सम्बंधित इतना बड़ा कदम क्यों उठाएगा?
एक्सेस को सीमित किया:यह मुद्दा कई वर्षों से चला आ रहा है। गूगल ने एंड्रॉइड ऐप्स को एसएमएस और कॉल लॉग्स का डाटा इस्तेमाल करने के लिए सीमित कर दिया है। इतने वर्षों से ये ऐप्स बिना जरुरत के इस तरह के डाटा को एक्सेस कर रही थीं। उदाहरण के लिए: टॉर्च ऐप को आपके कॉन्टैक्ट लिस्ट को एक्सेस करने की अनुमति क्यों चाहिए? यह मामला सिर्फ टॉर्च एप तक सीमित नहीं है, लगभग सभी ऐप्स के पास यूजर्स के कॉन्टैक्ट्स और एसएमएस को एक्सेस करनी की अनुमति है।
अब गूगल ने यह निर्णय लिया है की यूजर्स के पास यह अधिकार और विस्तृत रूप में होगा। यूजर्स यह निर्णय ले पाएंगे की वो कौन-सा डाटा ऐप्स के साथ शेयर करेंगे। हालांकि, इससे डाउनलोड प्रक्रिया थोड़ी लम्बी हो जाएगी। लेकिन इससे यूजर्स यह निर्धारित कर पाएंगे की उन्हें कौन-सा डाटा शेयर करना है।5 लाख यूजर्स का डाटा हुआ प्रभावित:
अल्फाबेट इंक के गूगल ने कहा है कि एक बग से गूगल प्लस के पांच लाख यूजर अकाउंट प्रभावित हुए हैं। इससे यूजर्स का डाटा एक्सटर्नल डेवलपर्स के सामने उजागर होने का खतरा है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने उपभोक्ताओं के लिए सोशल नेटवर्क को बंद करने का फैसला लिया है।गूगल ने नियामक छानबीन के डर से इस मुद्दे को जाहिर नहीं करने का फैसला लिया है। अनाम सूत्रों और आंतरिक दस्तावेजों के हवाले से इस आशय की जानकारी वॉल स्ट्रीट जनरल ने दी है। फेसबुक डाटा लीक और अब गूगल प्लस की इस खबर के बाद यूजर्स को यह सोचना होगा की वो किसी भी तरह की सेवाओं पर आंख मूंद कर विश्वास ना करें। इंटरनेट के इस दौर में अब समय है की यूजर्स अपने डाटा की जिम्मेदारी खुद लें।
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