गूगल पर लगा एंड्रॉइड यूजर्स के डाटा चोरी का आरोप, नियामक कर रही है जांच
दुनिया की जानी-मानी सर्च इंजन कंपनी गूगल पर ऑस्ट्रेलिया में एंड्रॉइड यूजर्स के डाटा चोरी का आरोप लगा है।
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। जानी-मानी सर्च इंजन कंपनी गूगल पर ऑस्ट्रेलिया में एंड्रॉइड यूजर्स के डाटा को गलत तरीके से इकठ्ठा करने का आरोप लगा है। गूगल पर यह आरोप सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी ऑरेकल ने लगाया है। हालांकि गूगल पर इससे पहले भी पिछले साल नवंबर में इस तरह के आरोप लग चुके हैं। ऑरेकल ने ऑस्ट्रेलियाई प्रतिस्पर्धा एवं गोपनीयता नियामक से इस मामले में जांच करने की अपील की है। ऑस्ट्रेलियाई नियामक में ऑरेकल ने 15 मई को बताया कि गूगल लाखों एंड्रॉइड यूजर्स का डाटा उन्हें बिना बताए इकठ्ठा कर रही है जिसके लिए यूजर्स को न चाहते हुए भी टेलीकॉम कंपनियों को डाटा इस्तेमाल करने के चार्ज देने पड़ रहे हैं। बता दें कि सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक पर भी कुछ महीने पहले डाटा चोरी का आरोप लग चुका है।
गूगल ने दी सफाई : आरोपों का जबाब देते हुए कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि गूगल के पास यूजर्स के डाटा इकठ्ठा करने की अनुमति है। किसी भी तरह के लोकेशन संबंधी सेवा के इस्तेमाल में खपत होने वाले डाटा के लिए यूजर्स को टेलीकॉम कंपनियों के प्लान के हिसाब से चार्ज किया जाता है। इस तरह की किसी भी सर्विस का इस्तेमाल यूजर्स पर निर्भर करता है। अगर यूजर्स को लगता है कि उनको डाटा खपत करने का चार्ज किया जा रहा है तो वह अपने यूजर सेटिंग्स में जाकर अपने सर्विस को डिएक्टिवेट कर सकते हैं।
ऑस्ट्रेलियाई नियामक कर रही है जांच : ऑस्ट्रेलियाई नियामक ने कहा है कि वह अभी ऑरेकल के शिकायतों की जांच कर रही है। हम इस बात का पता लगा रहे हैं कि यूजर्स (उपभोक्ताओं) को इसके बारे में कोई जानकारी है या नहीं है। एंड्रॉइड यूजर्स अगर किसी भी तरह का सर्च या लोकेशन सेवा का इस्तेमाल करते हैं तो इसके लिए गीगाबाइट में डाटा खपत होने पर टेलीकॉम कंपनियां चार्ज कर रही है। कुछ मोबाइल प्लान में यूजर्स को कम डाटा ही मिलते हैं जिसके बाद इस्तेमाल किये जाने वाले डाटा के लिए टेलीकॉम सेवा प्रदाता कंपनियां अलग से चार्ज कर रही है।
दोनों कंपनियों के बीच है लंबा विवाद : आपको बता दें कि जावा प्लेटफॉर्म इस्तेमाल करने पर मिलने वाले रॉयल्टी को लेकर ऑरेकल और गूगल के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। ऑरेकल चाहती है कि गूगल जावा के लिए उसे रॉयलिटी दे वहीं गूगल दलिल देती आ रही है कि जावा प्लेटफार्म का इस्तेमाल फ्री में किया जाना चाहिए।
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