नए साइबर सिक्योरिटी नियमों के पालन की समयसीमा बढ़ा रही है सरकार, पालन ना करने पर होगी कार्रवाई
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय(MeitY) ने VPN और क्लाउंड सर्विस प्रोवाइडर को कुछ राहत देते हुए नए साइबर सिक्योरिटी नियमों के पालन की समयसीमा को बढ़ा दिया है। जहां पहले कंपनियो को 25 जून तक का समय दिया गया था वहीं अब इसे 25 सितंबर कर दिया गया है।
By Ankita PandeyEdited By: Updated: Thu, 30 Jun 2022 08:10 AM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क(VPN) और क्लाइड सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए नए साइबर सिक्योरिटी नियमों की समयसीमा को बढ़ा दिया है। इस समयसीमा को 25 जून से बढ़ाकर 25 सितंबर कर दिया गया है। अगर प्रोवाइडर्स इसके बाद भी इन नियमों का पालन नहीं करते तो इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) ने एक आदेश जारी किया है, जिसके तहत वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) प्रोवाइडर्स को यूजर्स की जानकारी को रजिस्टर और संरक्षित करने की आवश्यकता है। इस नए गाइडलाइन्स के लागू करने के लिए CERT-In ने 25 सितंबर की नई समय सीमा निर्धारित की है।
बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने पहले VPN कंपनियों को भारत में कम से कम पांच साल के लिए यूजर्स डाटा एकत्र करने और सुरक्षित रखने का आदेश दिया था। साइबर सुरक्षा घटनाओं से संबंधित प्रतिक्रिया गतिविधियों और इमरजेंसी उपायों के लिए यह नियम जारी किया गया था। इसके अलावा डाटा सेंटर्स, वर्चुअल प्राइवेट सर्वर (VPS) प्रोवाइडर्स, और क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर्स को भी पांच साल या उससे अधिक समय तक अपनी सर्विसेज की सही जानकारी दर्ज करने और सुरक्षित रखने का आदेश दिया गया था। इस तरह की जानकारी में यूजर्स के घर का पता, आईपी एड्रेस और यूसेज पैटर्न शामिल हैं।
कंपनी ने की समयसीमा बढ़ाने की मांगCERT-In ने अपने नए जारी आदेश में बताया कि डाटा सेंटर्स, VPN और क्लाउड प्रोवाइडर्स ने यूजर्स के वेरिफिकेशन के लिए एक नया सिस्टम तैयार करने के लिए समयसीमा बढ़ाने की मांग की थी। इस कारण सरकार ने साइबर सिक्योरिटी के नियमों की समय सीमा बढ़ाकर 25 सितंबर कर दी है।
28 अप्रैल को लागू हुए नए नियम सरकार ने देश मे साइबर क्राइम को कम करने के लिए नए साइबर सिक्योरिटी नियमों को पेश किया था। CERT-In ने 28 अप्रैल को इससे जुड़े नोटिफिकेशन को पेश किया था। इन नियमों के मुताबिक कंपनियों को किसी भी सेंधमारी से जुड़ी समस्या को 6 घंटे के अंदर रिपोर्ट करना होगा और इससे संबधित डाटा को 6 महीने तक स्टोर करना होगा। इन नियमों के पालन की अंतिम तारीख 25 जून निर्धारित की गई थी।
कंपनियों पर हो सकती है कड़ी कार्रवाई सरकार ने बताया कि अगर कोई कंपनी इन नियमों का सही से पालन नहीं करती है या किसी जानकारी की मांग करने पर आनाकानी करती है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी