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Mobile Tariff Hike: मोबाइल रिचार्ज प्लान की कीमतें बढ़ने पर सरकार ने कहा- 'यह हमारा अधिकार क्षेत्र नहीं'

सभी टेलीकॉम कंपनियों के मोबाइल टैरिफ हाइक फैसले से स्मार्टफोन यूजर्स खासा नाराज हैं। सरकार को लेकर भी दावा किया जा रहा था कि भारत सरकार ने रिलायंस जियो एयरटेल और वोडाफोन-आइडियो को बिना किसी विनियमन के टैरिफ हाइक की परमिशन दी। इसी कड़ी में मोबाइल टैरिफ हाइक (Mobile Tariff Hike) को लेकर सरकार की ओर से स्थिति साफ की गई है।

By Shivani Kotnala Edited By: Shivani Kotnala Updated: Sun, 07 Jul 2024 11:15 AM (IST)
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Mobile Tariff Hike को लेकर सरकार ने कही ये बात...
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली । 3 जुलाई 2024, से देश में प्राइवेट टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने मोबाइल रिचार्ज प्लान की कीमतें बढ़ा दी हैं। इस फैसले के बाद जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया के मोबाइल रिचार्ज प्लान करीब 20 फीसदी तक महंगे हो गए हैं।

सभी टेलीकॉम कंपनियों की ओर से अचानक लिए गए इस फैसले से स्मार्टफोन यूजर्स खासा नाराज हैं। हालांकि, कंपनियों ने अपने ग्राहकों को पहले ही इस बारे में जानकारी देने के साथ उन्हें एडवांस रिजार्ज का ऑप्शन दिया था।

सरकार को लेकर भी दावा किया जा रहा था कि भारत सरकार ने रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडियो को बिना किसी विनियमन के टैरिफ हाइक की परमिशन दी। इसी कड़ी में मोबाइल टैरिफ हाइक (Mobile Tariff Hike) को लेकर सरकार की ओर से स्थिति साफ की गई है।

मोबाइल टैरिफ हाइक पर सरकार का क्या कहना है

एक ऑफिशियल प्रेस रिलीज में नियामक संस्था ने कहा कि तीन निजी क्षेत्र की कंपनियों और एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के साथ मोबाइल सर्विस मार्केट डिमांड और सप्लाई के मार्केट फोर्स के साथ चलता है।

प्रेस रिलीज के मुताबिक, टेलीकम्युनिकेशन सर्विस के रेट्स मार्केट फोर्स के साथ तय होते हैं। यह रेट्स स्वतंत्र नियामक यानी भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (Telecom Regulatory Authority of India) द्वारा अधिसूचित नियामक ढांचे के भीतर तय होते हैं।

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सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं फैसला

भारत सरकार का कहना है कि वह फ्री मार्केट के फैसलों को लेकर कोई हस्तक्षेप नहीं करती है क्योंकि यह कार्यक्षमता ट्राई के अधिकार क्षेत्र में है।

सरकार का कहना है कि मोबाइल सर्विस के टैरिफ को लेकर होने वाले किसी भी बदलाव को लेकर टेलीकॉम ऑपरेट ट्राई को पहले ही जानकारी दे देते हैं। ट्राई निगरानी रखता है कि ऐसे बदलाव निर्धारित नियामक ढांचे के भीतर हों।