आतंक फैलाने से लेकर यूजर्स की जानकारी चुराने तक, 17 ऐप किस तरह सुरक्षा में लगा रहे थे सेंध
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2020 की धारा 69A के तहत भारत सरकार ने 14 मैसेजिंग ऐप पर बैन लगा दिया है। खुफिया एजेंसियों ने पुष्टि की कि ऐप का इस्तेमाल आतंकी संगठनों के प्रचार के लिए किया जा रहा था। (फाइल फोटो जागरण)
By Anand PandeyEdited By: Anand PandeyUpdated: Mon, 01 May 2023 05:15 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। भारत सरकार ने 14 मैसेजिंग ऐप पर बैन लगा दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, ये ऐप जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे। ऐप्स को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2020 की धारा 69A के तहत बैन किया गया है। सरकार ने इनके नाम और ये कैसे यूजर्स डेटा का इस्तेमाल करते थे, इसके बारे में भी जानकारी दी है।
खुफिया एजेंसियों ने पुष्टि की कि इन ऐप का इस्तेमाल आतंकी प्रचार फैलाने के लिए किया जा रहा था। ऐप का इस्तेमाल पाकिस्तान के साथ-साथ ओजीडब्ल्यू या ऑन-ग्राउंड वर्कर्स से निर्देश लेने के लिए किया जाता था। इन ऐप्स के लाखों डाउनलोड हैं और Google Play Store और Apple App Store पर उपलब्ध थे।
Crypviser
Crypviser सिक्योर मैसेंजर सबसे निजी मैसेजिंग ऐप होने का दावा करता है और यह ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है। इस ऐप का इस्तेमाल यूजर्स ये सोच के करते हैं कि उनके मैसेज प्राइवेट रहेंगे, लेकिन होता इसका उल्टा है। यूजर्स के डेटा को ये ऐप चुराते हैं और बाद में डार्क वेब पर बेच देते हैं।
Enigma
ये ऐप दावा करता है कि यूजर्स के मैसेज इन्क्रिप्टेड हैं, यानी उनको कोई पढ़ नहीं सकता है। इसका दावा है कि जो आप चैटिंग करते हैं वो अपने आप गायब हो जाता है। इस ऐप पर 100,000 मेंबर्स को जोड़ा जा सकता है। ये एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड वॉयस और ग्रुप वीडियो कॉल को भी सपोर्ट करता है।Safeswiss
स्विट्जरलैंड स्थित इस ऐप के डेवलपर का दावा है कि यूजर्स दुनिया के सबसे सेफ और रीयल-टाइम एन्क्रिप्शन पर आधारित ऐप पर अपनी बातों को एक से दूसरे यूजर्स तक पहुंचाते हैं।