सोशल मीडिया की मनमानी पर लगेगी रोक, केंद्र ने नियमों में संशोधन का किया ऐलान
सरकार का मानना है कि आईटी नियमों में संशोधन से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भारतीय कानून के प्रति ज्यादा जवाबदेह होंगे। नए नियमों के आने से डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म भारतीय आचार संहिता का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध होना पडे़गा।
By Saurabh VermaEdited By: Updated: Thu, 11 Feb 2021 02:08 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। सोशल मीडिया की मनमानी पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार आईटी नियमों में बदलाव करने जा रही है। केंद्र सरकार ने आईटी नियमों में बदलाव की जानकारी संसद को दे दी है। सरकार का मानना है कि आईटी नियमों में संशोधन से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भारतीय कानून के प्रति ज्यादा जवाबदेह होंगे। नए नियमों के आने से डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म को भारतीय आचार संहिता का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध होना पडे़गा।
Centre informs Parliament that IT rules are being amended to make social media platforms more responsive and accountable to Indian laws. These rules will also make digital media platforms to adhere to the Code of Ethics.
— ANI (@ANI) February 11, 2021
बता दें कि केंद्र सरकार की तरफ से आईटी नियमों में बदलाव का ऐलान वक्त में किया गया है, जब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Twitter और केंद्र सरकार के बीच विवाद जारी है। दरअसल केंद्र सरकार ने Twitter हैंडल पर फार्मर्स जेनोसाइड हैशटैग से जुड़े सभी URLs को ब्लॉक करने का आदेश दिया है। लेकिन Twitter URL ब्लॉक करने में आनाकानी कर रहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट को स्पष्ट बता दिया है कि निर्देशों के आधे-अधूरे पालन से काम नहीं चलेगा और भारत में कारोबार करने के लिए उन्हें भारत की संवैधानिक कमेटी के निर्देश का पूरी तरह से पालन करना होगा।
क्या है मामलासरकार ने Twitter को 31 जनवरी को फार्मर्स जेनोसाइड से जुड़े 257 URL को ब्लॉक करने का निर्देश दिया था, लेकिन अब तक सिर्फ 126 URL के खिलाफ कार्रवाई हुई। सरकार ने 1,178 वैसे ट्विटर अकाउंट को भी ब्लॉक करने का निर्देश दिया था जो पाकिस्तान व खालिस्तान समर्थक हैं और वे किसान आंदोलन के नाम पर भारत में अशांति और उपद्रव भड़काने के लिए ट्वीट कर रहे थे। लेकिन इसमें से भी Twitter ने सिर्फ 583 अकाउंट को बंद किया है। ऐसे में Twitter और सरकार के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है।