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प्रोमोशनल कॉल और मैसेज पर रोक लगाने के लिए मसौदा तैयार, सरकार ने लोगों से मांगे सुझाव

कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय ने अनवांछित टेलीमार्केटिंग कॉल और मैसेज पर अंकुश लगाने के लिए मसौदा तैयार किया है। इस मसौदे को टेलीकॉम कंपनियां और टेलीकॉम रेगुलेटर्स ने तैयार किया है। इस मसौदे पर मंत्रालय ने लोगों से 21 जुलाई तक सुझाव मांगे हैं। इस मसौदे में उन कॉल पर रोक लगाने का प्रस्ताव है जो ट्राई के नियमों का उल्लंघन करते हैं।

By Agency Edited By: Subhash Gariya Published: Thu, 20 Jun 2024 04:44 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jun 2024 04:44 PM (IST)
मसौदे पर 21 जुलाई तक सुझाव दे सकते हैं लोग (Image:Unsplash)

पीटीआई, नई दिल्ली। प्रोमोशनल कॉल और टेक्स्ट मैसेज जैसे अनचाहे और अवांछित बिजनेस कॉम्युनिकेशन पर अंकुश लगाने के लिए कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय ने मसौदा तैयार किया है। इस मसौदे की गाइड लाइन पर मंत्रालय ने 21 जुलाई तक लोगों से सुझाव मांगे हैं।

ये गाइड लाइन टेलीकॉम कंपनियां और टेलीकॉम रेगुलेटर्स ने तैयार किए हैं, जिसका उद्देश्य अनचाहे प्रमोशनल कॉल पर अंकुश लगाता है। हालांकि इसमें पर्सनल कॉम्युनिकेशन शामिल नहीं है।

किन कॉल्स पर लागू होंगी गाइड-लाइन्स

  • मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा कि ये दिशा-निर्देश उन सभी व्यक्तियों और संस्थाओं पर लागू होंगे जो इस तरह प्रमोशनल कॉल या मैसेज करते हैं। इस गाइड लाइन रिसीवर की सहमति या रजिस्टर्ड सभी तरह के बिजनेस कॉम्युनिकेशन को शामिल किया गया है।
  • इस गाइडलाइन के अनुसार, अनरजिस्ट्रर्ड नंबर या एसएमएस हेडर के यूज, रिसीवर के ऑप्ट-आउट करने के बावजूद कॉल, डिजिटल कन्सेंट विफल होने के बाद भी यूजर को कॉल आती हैं तो इन्हें अनऑथराइज्ड करार दिया गया जाएगा।
  • इसके साथ ही कॉल करने वाले अगर अपनी पहचान या फिर ऑप्ट-आउट का विकल्प नहीं दिया जाता है तो भी इन्हें अनऑथराइज्ड माना जाएगा।
  • इस मौसेदे में इस तरह की कॉमर्शियल कॉल पर रोक लगाने का प्रस्ताव है, जो भारतीय दूरसंचार विनियमन प्राधिकरण (ट्राई) के नियमों का उल्लंघन करते हैं।

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नियम नहीं मान रहे अनरजिस्टर्ड टेलीकमार्केटिंग कंपनियां

मंत्रालय ने कहा कि ट्राई के 2018 के नियम रजिस्टर्ड टेलीमार्केटर्स के लिए प्रभावी रहे हैं, लेकिन निजी 10 अंकों के नंबरों का उपयोग करने वाले अनरजिस्टर्ड मार्केटर्स से संचार बेरोकटोक जारी है।

मंत्रालय का यह भी कहना है कि वे यूजर्स के हितों और अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही वे तेजी से फैल रहे कन्ज्यूमर स्पेस में यूजर्स नियमों को सख्ती से लागू करना चाहती है। इस मसौदे के दिशा-निर्देशों का उद्देश्य उपभोक्ताओं को एग्रेसिव और अनऑथराइज्ड मार्केटिंग से बचाना है।

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