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Chakshu Portal: सेक्सटार्शन से बचने के लिए तुरंत करें डीआइपी और चक्षु जैसे प्लेटफॉर्म पर शिकायत

साइबर फ्रॉड से निपटने के लिए सरकार डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (डीआईपी) या चक्षु प्लेटफॉर्म (Chakshu Portal) पेश किया है। इस प्लेटफॉर्म को संचार साथी पोर्टल पर इन दोनों ही प्लेटफार्म को लॉन्च किया। इस प्लेटफॉर्म पर साइबर फ्रॉड को चक्षु प्लेटफार्म पर रिपोर्ट कर सकते हैं। रिपोर्ट करते ही पुलिस बैंक जैसी एजेंसियां सक्रिय हो जाएंगी और कुछ घंटों में कार्रवाई की जा सकती है।

By Subhash Gariya Edited By: Subhash Gariya Updated: Mon, 04 Mar 2024 08:35 PM (IST)
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साइबर फ्रॉड से निपटने के लिए सरकार ने पेश किया Chakshu Portal
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अगर आप सेक्सटार्शन के जाल में फंस गए हैं या फिर आपको सोशल मीडिया पर लाइक कर पैसा कमाने का कोई झांसा दे रहा है या वॉट्सऐप के जरिए इस प्रकार का मैसेज कर रहा है तो तुरंत संचार मंत्रालय के डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (डीआईपी) या चक्षु प्लेटफॉर्म (Chakshu Portal) पर रिपोर्ट करें।

सोमवार को संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संचार साथी पोर्टल पर इन दोनों ही प्लेटफार्म को लॉन्च किया। अगर आपके साथ कोई साइबर अपराध या फ्रॉड हो गया है तो उसे डीआईपी पर रिपोर्ट करें और अगर कोई ऐसा फोन आ रहा है जिससे आपको साइबर फ्रॉड या अपराध होने की आशंका है तो चक्षु प्लेटफार्म पर उसकी रिपोर्ट करें।

नंबर होगा ब्लॉक

यूजर्स के रिपोर्ट करते ही पुलिस, बैंक जैसी एजेंसियां सक्रिय हो जाएंगी और कुछ घंटों में कार्रवाई की जा सकती है। चक्षु पोर्टल पर किसी नंबर से फ्रॉड होने की आशंका की जानकारी देने पर उसकी पूरी पड़ताल के बाद ही उस नंबर को ब्लाक किया जाएगा।

शिकायतकर्ता की कोई जानकारी किसी भी साझा नहीं की जाएगी। साइबर अपराध व जालसाजी रोकने के लिए नौ माह पहले संचार साथी पोर्टल लांच किया गया था। इस पोर्टल पर की गई शिकायत की मदद से 59 लाख कनेक्शन अब तक काटे जा चुके हैं।

10 लाख से ज्यादा बैंक खाते और पेमेंट वैलेट फ्रिज

बैंक व आईआरसीटीसी जैसी एजेंसी की तरफ से धोखाधड़ी की आशंका को लेकर जाहिर किए गए चार लाख कनेक्शन काटे गए हैं। 10 लाख से अधिक बैंक खाते व पेमेंट वैलेट को फ्रिज किया गया है। इन कार्रवाई की मदद से नागरिकों के 1000 करोड़ रुपए जालसाजी में डूबने से बचाए गए हैं।

फ्रॉड की आशंका में हरेक दिन 2500 कनेक्शन काटे जा रहे हैं। वैष्णव ने बताया कि आरबीआई व अन्य बैंकों के साथ मिलकर फ्रिज की गई रकम को ग्राहकों को लौटाने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि यूजर्स के साथ डीआईपी और चक्षु प्लेटफार्म पर बैंक, पेमेंट वैलेट व अन्य नियामक एजेंसियां भी किसी धोखाधड़ी या उसकी आशंका की रिपोर्टिंग कर सकती है।

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उसके बाद टेलीकॉम सेवा प्रदाता कंपनियां उन नंबर की जांच करेंगी और उसके बाद उन नंबर को काटा जाएगा। काटे गए नंबर को एक मास्टर सूची में डाल दिया जाता है।

सोशल मीडिया अपने एआई मॉडल को जांच-परख कर ही लांच करें

वैष्णव ने सोमवार को यह भी कहा कि सोशल मीडिया को सरकार ने यह सलाह दी है कि वह अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मॉडल को जांच-परख कर ही लांच करे। सोशल मीडिया की पहुंच काफी अधिक होती है और यह उनकी जिम्मेदारी बनती है कि एआई माडल की जांच के बाद ही उसे बाजार में लाए।

सरकार की तरफ से इसे अनिवार्य नहीं किया गया है, लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफार्म खुद ही एआई की जांच को जरूरी मान रहे हैं। एआई की मदद से किसी व्यक्ति की गलत छवि पेश करने की आशंका रहती है।

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