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टेकओवर या ट्रांसफर; BSNL को MTNL का संचालन सौंपने पर विचार कर रही है सरकार, जानिए इसके पीछे की वजह

एक नई जानकारी सामने आई है कि सरकार MTNLके हाई लोन के कारण उसे BSNL के साथ मर्ज करने के बजाय इसको नेटवर्क का ऑपरेशन ट्रांसफर कर सकती है। ये बदलाव एक अग्रीमेंट के माध्यम से होगा। एमटीएनएल के संचालन को ट्रांसफर करने को लेकर होने वाला फैसला एक महीने के भीतर होने की उम्मीद है। आइये इसके बारे में जानते हैं।

By Agency Edited By: Ankita Pandey Updated: Sun, 14 Jul 2024 02:39 AM (IST)
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MTNL के ऑपरेशन की जिम्मेदारी संभालेगी BSNL, जानें कारण
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत सरकार कर्ज में डूबी महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) के लिए नई रणनीति तलाश रही है। भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के साथ पूरी तरह मर्ज करने के बजाय, वे एक समझौते के माध्यम से MTNL के ऑपरेशन को बीएसएनएल को ट्रांसफर करने पर विचार कर रहे हैं।

इसके बारे में बताते हुए एक सूत्र ने कहा कि एमटीएनएल के भारी कर्ज के कारण बीएसएनएल के साथ विलय को फिलहाल सही नहीं माना जा रहा है। ऐसे में संचालन को ट्रांसफर करना एक सही विकल्प होगा। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

क्या होगा कंपनी का अगला कदम

  • जानकारी मिली है कि एक महीने के भीतर कंपनी इस विषय पर अंतिम निर्णय ले सकती है।
  • एक बार अंतिम रूप दिए जाने के बाद प्रस्ताव को मंजूरी के लिए कैबिनेट में पहुंचने से पहले सचिवों की समिति द्वारा इसकी समीक्षा की जाएगी।
  • यह संभावित अधिग्रहण एमटीएनएल की बढ़ती वित्तीय परेशानियों के बीच हुआ है। कंपनी ने हाल ही में अपर्याप्त फंड के कारण कुछ बॉन्ड पर ब्याज भुगतान करने में असमर्थता की घोषणा की है।
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बाजार में हिस्सेदारी में कमी

  • रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसी निजी दूरसंचार प्रतिस्पर्धियों ने भारत में डेटा और वॉयस सेवा की बढ़ती मांग के कारण ग्राहकों की संख्या में वृद्धि देखी है।
  • वहीं MTNL का यूजर बेस लगातार घट रहा है। पिछले एक साल में ही उन्होंने आधे मिलियन से ज़्यादा ग्राहक खो दिए, जो 4.66 मिलियन से घटकर 4.1 मिलियन रह गए।
  • इसके साथ ही MTNL की वित्तीय स्थिति भी खराब हुई है। वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) के लिए उनका घाटा बढ़कर 3,267.5 करोड़ रुपये हो गया।
  • वहीं FY23 में यह 2,915.1 करोड़ रुपये था। इसके अलावा, परिचालन से उनका राजस्व साल-दर-साल 14.6% कम होकर FY24 में 798.56 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
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