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Flipkart की स्टार्ट-अप से लेकर देश की प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी बनने की पूरी कहानी

आज से 11 वर्ष पहले यानी की 2007 में एक स्टार्ट-अप के रूप में शुरू होने वाली कंपनी ने देखते ही देखते देश की जानी मानी कंपनियों में शुमार हो गई

By Harshit HarshEdited By: Updated: Mon, 19 Nov 2018 08:59 AM (IST)
Flipkart की स्टार्ट-अप से लेकर देश की प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी बनने की पूरी कहानी
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। देश की प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी Flipkart की नींव आईआईटी के दो ग्रेजुएट सचिन और बिन्नी बंसल ने रखी। आज से 11 वर्ष पहले यानी की 2007 में एक स्टार्ट-अप के रूप में शुरू होने वाली कंपनी ने देखते ही देखते देश की जानी मानी कंपनियों में शुमार हो गई। लेकिन फ्लिपकार्ट को खड़ी करने वाले दोनों ही फाउंडर मेंबर्स को अब कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।

Flipkart को अमेरिकी कंपनी Wallmart ने खरीद लिया है। Wallmart की Flipkart में इस समय 77 फीसद की हिस्सेदारी है। Flipkart की Wallmart से डील होते ही पहले सचिन बंसल को कंपनी छोड़नी पड़ी और इस मंगलवार यानी 13 नवंबर को बिन्नी बंसल ने भी औपचारिक रूप से Flipkart के ग्रुप CEO (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) के पद से इस्तीफा दे दिया है। आइए जानते हैं किस तरह एक स्टार्ट-अप के रूप में खड़ी होने वाली कंपनी देश की लोकप्रिय ई-कॉमर्स कंपनी बन गई।

ऐसे हुई शुरुआत

15 सितंबर 2007 को सचिन और बिन्नी बंसल ने इस ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी फ्लिपकार्ट की नींव रखी। दोनों की मुलाकात आईआईटी दिल्ली में हुई। फ्लिपकार्ट ने सबसे पहले किताबों की शिपमेंट ऑनलाइन करनी शुरू की और कंपनी का पहला ग्राहक तेलंगाना के महबूबनगर का था। इस साल कंपनी का बिजनेस कुछ खास नहीं चला और केवल 20 शिपमेंट ही किए गए।

कंपनी का पहला ऑफिस

कंपनी ने अपना पहल ऑफिस बेंगलुरू में साल 2008 में खोला। धीरे-धीरे लोगों का फ्लिपकार्ट के प्रति आकर्षण बढ़ता गया जिसके बाद कंपनी ने 24X7 कस्टमर केयर सर्विस ओपन किया। साल 2008 में कंपनी ने 20 के मुकाबले कुल 3,400 से अधिक शिपमेंट किए।

कंपनी का पहला कर्मचारी

इसके बाद साल 2009 में सचिन और बिन्नी बंसल ने अपना पहला फुल टाइम कर्मचारी अंबुर अयप्पा को हायर किया जो आगे चलकर करोड़पति बन गए। एस्सेल पार्टनर्स इसकी पहली वेंचर कैपिटल कंपनी बनी। इसने कंपनी में 10 लाख डॉलर का निवेश किया। फ्लिपकार्ट ने दिल्ली और मुंबई में भी ऑफिस खोला।

कैश ऑन डिलीवरी की शुरुआत

भारत जैसे देश में लोग सामान खरीदने के बाद पैसा देने में विश्वास रखते हैं। इसको देखते हुए साल 2010 में फ्लिपकार्ट ने कैश ऑन डिलीवरी की शुरुआत की। इसके साथ ही कंपनी ने लॉजिस्टिक के लिए eKart नाम की एक सब्सिडियरी कंपनी ओपन की। इसने अपने प्रॉडक्ट कैटिगरी में म्यूजिक, मूविज, गेम्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल को शामिल किया। फ्लिपकार्ट ने अपना पहला अधिग्रहण वीरीड पोर्टल का किया।

बिग बिलियन डेज की शुरुआत

साल 2014 में कंपनी ने ग्राहकों के लिए सबसे पहला बिग बिलियन डेज सेल ओपन किया। इसके बाद कंपनी ने फैशन रिटेलर Myntra में एक बड़ी हिस्सेदारी खरीदी। Myntra के अलावा आफ्टर सेल्स सर्विस प्रोवाइडर जीव्स में भी हिस्सेदारी खरीदी। साल 2015 में कंपनी ने कई नई लांचिंग करने के साथ अधिग्रहण और फंडरेजिंग राउंड को पूरा किया।

सचिन बंसल बने सीईओ

साल 2016 में फ्लिपकार्ट के सीईओ बिन्नी बंसल के हटने के बाद सचिन बंसल कंपनी के सीईओ बने। इससे पहले सचिन बंसल कंपनी के पहले कार्यकारी चैयरमैन थे। इसी साल टाइम्स मैगजीन ने सचिन और बिन्नी बंसल ने दुनिया के 100 प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया।

Wallmart ने किया अधिगृहत

इस साल फ्लिपकार्ट में एक बड़ी हिस्सेदारी खरीदने के लिए सॉफ्टबैंक विजन फंड ने 1.5 अरब डॉलर का निवेश किया। इसी साल कंपनी ने कई और उपलब्धियां हासिल कि जिसके बाद इसमें अमेरिकी कंपनी Wallmart ने बड़ी हिस्सेदारी खरीदी।