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कभी था दो किलो वजन, आजकल स्क्रीन भी है फोल्डेबल... अब तक कितनी बदली मोबाइल फोन की दुनिया

स्मार्टफोन आज हर कोई चलाता है लेकिन मोबाइल फोन की फीचर फोन और फिर स्मार्टफोन तक बनने की यात्रा बेहद दिलचस्प है। जानिए मोटोरोला से नोकिया ऐप्पल और सैमसंग तक मोबाइल के आरंभ से लेकर अब तक का सफर विस्तार से।

By Kritarth SardanaEdited By: Updated: Sat, 17 Dec 2022 06:30 PM (IST)
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mobile phone & smartphone photo credit- Jagran New Media
नई दिल्ली, कृतार्थ सरदाना। दुनिया मोबाइल से पहले भी चल रही थी और अब मोबाइल के साथ भी चल रही है। लेकिन मोबाइल ने हमारे जीवन को पूरी तरह बदल कर रख दिया है। जिस मोबाइल का आविष्कार सिर्फ फोन पर बात करने के लिए किया गया था वो अब कंप्यूटर का विकल्प बनकर उभरा है। आज मोबाइल हमारे जीवन का एक हिस्सा बन चुका है। स्मार्टफोन के आ जाने से तो ऐसे लगता है मानो इसके बिना जीवन असंभव है। इस कारण बेहद दिलचस्प है मोबाइल फोन से स्मार्टफोन तक का सफर।

समय के अनुसार मोबाइल फोन का आकार और रूप में बहुत बड़े स्तर पर परिवर्तन देखने को मिला है। मोबाइल जहां आंतरिक रूप से दिखने में ब्लैक एंड व्हाइट से कलर और अब Super Amoled तक पहुंचा। वहीं बाहरी रूप से भी एक खंबे या कॉर्डलेस टेलीफोन जैसे दिखने से लेकर एक फोल्डेबल स्मार्टफोन तक जा पहुंचा है।

दुनिया का पहला मोबाइल

मोबाइल का आविष्कार सन 1973 में हुआ था। अमेरिका की कंपनी मोटोरोला के John F.Mitchell और Martin Cooper ने दुनिया के पहले मोबाइल फोन DynaTAC 8000 की सभी टेस्टिंग के बाद इसे दुनिया के सामने 1983 में प्रस्तुत किया था। इस फोन का वजन करीब 2 किलोग्राम था। जिससे आप अनुमान लगा सकते हैं इस पार बात करना कितना मुश्किल होता होगा। जबकि आज किसी फोन का वजन 250 ग्राम से भी कम होता है। इसके अलावा बाज़ार में आज हल्के वजन वाले स्मार्टफोन की भरमार है।

मोटोरोला का यह फोन करीब 10 इंच की लंबाई में पेश किया गया था। इसकी कीमत कंपनी ने 3,995 डॉलर रखी थी। इस फोन से करीब 1 घंटे ही बात करना संभव था। इसे चार्ज करने में करीब 10 घंटे तक लगते थे। इस सीरीज से कंपनी ने कुछ और भी मॉडल पेश किए थे।

मोटोरोला ने 1983 से 1998 तक तो मोबाइल बाज़ार का बादशाह बना रहा। हालांकि बाद में कई कंपनियाँ बाज़ार में उतरती गयी। फिनलैंड की कंपनी नोकिया ने मोटोरोला को बड़ी टक्कर दी जिसके बाद 1998 से 2012 तक नोकिया इस क्षेत्र का दुनिया भर का सबसे बड़ा ब्रांड बना रहा। नोकिया ने प्रारंभ में Nokia 1011 बनाया और फिर Nokia 2010 और Nokia 2110 जैसे GSM फोन पेश कर के बाज़ार में अपना स्थान बनाया।

नोकिया ने सन 1998 में Nokia 5110 लॉन्च किया था। यह फोन बेहद लोकप्रिय हुआ और इसी फोन के जरिये मोटोरोला और एरिक्सन को पीछे छोड़ते हुए नोकिया ने मोबाइल फोन के बाज़ार पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद कंपनी ने Nokia 3210 पेश किया जिसने पिछले फोन के भी कामयाबी के रिकॉर्ड तोड़ दिये। इसके बाद कंपनी कई फोन पेश करते हुए बाज़ार में लगातार अपनी हिस्सेदारी बढ़ाती गयी।

मोबाइल फोन बने फीचर फोन

मोबाइल फोन में कई फीचर्स देकर उसे फिर फीचर फोन की संज्ञा दी गयी। नोकिया, मोटोरोला, सैमसंग, एलजी और सोनी जैसी कंपनियों ने अपने अपने फोन में कलर स्क्रीन, FM और वीडियो गेम जैसे फीचर्स देने शुरू कर दिये।

फिर बाद में MP3 का फीचर भी मोबाइल फोन में आ गया। जिससे अब मोबाइल सिर्फ कॉल करने या एसएमएस भेजने तक सीमित नहीं रह गया था।

कैमरा की हुई एंट्री

इन सबके बाद फीचर फोन में कैमरा की भी एंट्री हो गई, जिसने फीचर फोन का महत्व और अधिक बढ़ गया। कंपनियाँ जानती थी कि यह फीचर हर किसी को लुभा सकता है। इसलिए नोकिया,सोनी,सैमसंग,एलजी समेत सभी कंपनियों ने अपने फोन का प्रचार आगे चलकर कैमरा और उसके मेगापिक्सेल के सहारे ही किया।

स्मार्टफोन ने बदली दुनिया

सन 2007 की सबसे बड़ी घटना में से एक स्मार्टफोन का बाज़ार में आना भी रही थी। मैक कंप्यूटर बनाने वाली कंपनी apple ने दुनिया के सामने पहला iPhone पेश किया। इसी वर्ष RIM ने पेजर के बाद Blackberry के नाम से ही अपने स्मार्टफोन भी पेश कर दिये।

इन स्मार्टफोन में सामान्य फीचर फोन के मुकाबले ज्यादा मेमोरी, रैम के साथ बेहतर कैमरा तो था ही। लेकिन इसे स्मार्टफोन की संज्ञा इसलिए दी गई क्योंकि इन फोन के जरिये मोबाइल में इंटरनेट चलाना संभव हो सका जो फीचर फोन में काफी जटिल होता था। इनमें ऐप्स के जरिये यूजर्स को सब सुविधा मोबाइल के जरिये मिलने लगी।  

Android के जरिये सभी तक पहुंचा स्मार्टफोन

Apple और Blackberry भले ही बेहद लोकप्रिय कंपनियाँ बन गई लेकिन दोनों ने अपने स्मार्टफोन महंगी कीमतों में पेश किए। जिससे स्मार्टफोन सिर्फ एक क्लास के लोगों तक ही सीमित रह गया। स्मार्टफोन का अगला अध्याय Google ने अपने Android OS को पेश कर के खोला। सैमसंग,एचटीसी, एलजी, सोनी, मोटोरोला समेत सभी कंपनियों ने इसी ओएस के साथ अपने स्मार्टफोन पेश किए। हालांकि शुरुआत में इन कंपनियों ने भी अपने स्मार्टफोन की कीमत ज्यादा रखी। लेकिन बाद में इन कंपनियों ने 10,000 रुपये से भी नीचे की कीमत में अपने अपने स्मार्टफोन पेश किए। जिससे भारत समेत पूरी दुनिया के हर हाथ में स्मार्टफोन पहुँचता गया।

फोल्डेबल स्मार्टफोन तक पहुँच गया विकास

पिछले कुछ सालों में स्मार्टफोन की स्क्रीन को सभी कंपनियों ने बड़ा कर दिया। फोन की फ्रंट साइड से बटन और स्पीकर भी हटा दिये गए। इन सबसे फोन में वीडियो देखने का अनुभव काफी बेहतर हो गया। सैमसंग आज दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल कंपनियों में से एक है। लेकिन इसके साथ ही कंपनी लगातार स्मार्टफोन के डिज़ाइन में भी विकास कर रही है।

Samsung ने अपनी Galaxy Z सीरीज से फोल्ड और फ्लिप जैसे फॉरमेट के भी स्मार्टफोन बाज़ार में उतार रखे हैं, जिससे पता चलता है स्मार्टफोन का विकास अभी रुका नहीं है। उम्मीद है स्मार्टफोन का कोई और नया रूप भी भविष्य में देखने को मिल सकता है।

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