सावधान! कहीं e-sim के चक्कर में न हो जाएं धोखाधड़ी के शिकार, ये हैं बचने के कुछ उपाय
बीते कुछ दिनों से e-sim का कॉन्सेप्ट काफी चर्चा में है। लोगों फिजिकल सिम से इस पर स्वीच कर रहे हैं। ऐसे में स्कैमर्स सिम स्वैपिंग का उपयोग करके लोगों के कॉल और टेक्स्ट को अपने स्मार्टफोन पर डायवर्ट कर रहे हैं। आइये जानते हैं इससे कैसे बचें।(जागरण फोटो)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। स्मार्टफोन जगत में लगातार बदलाव हो रहे हैं और ये बदलाव नए अपडेट के आने से होते हैं। e-sim का कॉन्सेप्ट भी इन्हीं बदलावों में से एक है। वैसे तो ये काफी पुराना है, लेकिन जब Apple ने फॉल इवेंट 2022 में अपनी iPhone 14 सीरीज लॉन्च की, तो यह काफी चर्चा में आया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कंपनी ने यूएस में रिटेल स्टोर पर मिलने वाले सभी iPhone 14 मॉडल में फिजिकल सिम स्लॉट नहीं होंगे। इसका मतलब है, iPhone 14 सिर्फ eSIM को सपोर्ट करेगा। ऐसे मे जिन लोगों ने भारतीय कीमतों में कुछ बचत करने के लिए अमेरिका से आईफ़ोन मंवाया है, उनके पास केवल eSIM पर स्विच करने का विकल्प था।
बढ़ रहे है e-Sim स्कैम
भले ही अभी ज्यादातर लोगों ने eSIM को स्वीकार नहीं किया गया है, लेकिन यह भौतिक सिम की तुलना में काफी अधिक सुरक्षित और फायदेंमंद है। इसकी चर्चा बढ़ने के बाद से पिछले कुछ वर्षों में सिम स्वैप धोखाधड़ी के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है। हम ऐसा इस लिए कह रहे हैं कि हैकर्स लोगों को निशाना बना रहे हैं और एक ही नंबर के नए सिम कार्ड के एक्टिवेशन के दौरान इस्तेमाल होने वाले टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन और वेरिफिकेशन का फायदा उठा रहे हैं।
क्या है सिम स्वैप फ्रॉड?
स्कैमर्स पहले एक नया सिम खरीदते हैं और फिर पुराने सिम कार्ड को खोने के बहाने किसी और के नाम पर सिम स्वैप शुरू करने के लिए और इसे सक्रिय करने के लिए फोन के कैरियर ऑपरेटर से संपर्क करते हैं। बाद में, वे उस व्यक्ति को OTP देने के लिए बरगलाते हैं। जैसे ही एक्टिवेशन पूरा हो जाने पर स्कैमर्स टारगेट व्यक्ति के फोन नंबर पर नियंत्रण पा कर लेते हैं। उसी समय से सभी कॉल और टेक्स्ट स्कैमर के स्मार्टफोन पर भेज दिए जाएंगे, जिसका उपयोग वे बाद में बैंक अकाउंट को खाली कर देते हैं।
सिम स्वैप फ्रॉड कैसे रोकें?
बता दें कि ऐसे कई तरीके हैं जिनसे आप किसी भी स्कैम से अवगत हो सकते हैं, जिसमें से सबसे सुरक्षित तरीकों में से एक eSIM पर स्विच करना है। यह एक पारंपरिक सिम कार्ड का डिजिटल वर्जन है जिसे सीधे डिवाइस में एम्बेड किया जा सकता है। बता दें कि eSIM को आसानी से सक्रिय और रिमोटली निष्क्रिय किया जा सकता है, जिससे एक डिवाइस पर कई फ़ोन नंबर और योजनाएं संग्रहीत की जा सकती हैं।
eSIM फिजिकल सिम कार्ड डालने या निकालने की जरूरत करता है, इस प्रकार खोने, क्षतिग्रस्त होने या चोरी होने का कोई डर नहीं है। डिजिटल सिम कई फोन नंबरों और योजनाओं को एक ही डिवाइस पर संग्रहीत करने की अनुमति देता है, जिससे विभिन्न वाहकों या योजनाओं के बीच स्विच करना आसान हो जाता है। eSIM को किसी स्टोर पर जाए बिना या फिजिकल सिम कार्ड के डिलीवर होने की प्रतीक्षा किए बिना रिमोटली सक्रिय किया जा सकता है।
e-Sim के नाम पर भी होते हैं स्कैम
बता दें कि कभी कभी स्कैमर्स आपको e-sim में स्वीच करने के लिए आपको बरगला सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने ऑपरेटर्स से इसकी पुष्टि करें। अपने eSIM को बदलने के लिए पहले जांचें कि क्या आपका स्मार्टफोन eSIM को सपोर्ट करता है और क्या आपका टेलीकॉम ऑपरेटर eSIM सुविधा देता है। Jio, Airtel और Vodafone-Idea के लिए, दूरसंचार ऑपरेटर बिना किसी अतिरिक्त लागत के ई-सिम देते हैं।
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