...तो इंसानों के साथ रोबोट भी करेंगे काम, अगले 10 वर्षों में पहुंच जाएंगे आपके घर और ऑफिस
आने वाले दिनों में रोबोट हम सभी के घरों और ऑफिस में आम हो जाएंगे। रोबोट दफ्तर में सहकर्मी की तरह काम करेंगे तो घर में दरवाजा खोलने चाय-पानी परोसने जैसे काम करते नजर आएंगे। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले 10 सालों में जेन एआई टेक्नोलॉजी की मदद से रोबोट भावनात्मक रूप से बातचीत करने में भी सक्षम होंगे।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। आने वाले कुछ वर्षों में एक रोबोट आपके जीवन का अभिन्न अंग बन जाएगा। रोबोट आपके साथ बैठकर घर और कार्यालय का काम करने के साथ भावनात्मक रूप से बातचीत भी करेगा। घर आने पर दरवाजा खोलेगा, अभिवादन करेगा, पानी उठाकर देगा, आपसे इंसानों की भाव भंगिमा बनाकर आपकी भाषा में संवाद करेगा और तो और समस्या का समाधान एक इंसान की तरह सुझाएगा।
रोबोटिक्स के क्षेत्र में तेजी से विकसित हो रही मानव रोबोट इंटरैक्शन (एचआरआई) तकनीक अब जेनरेटिव एआई के आने के बाद काफी तेजी से आगे बढ़ेगी। आईआईटी बांबे में एआई-रोबोटिक्स क्षेत्र के विज्ञानी प्रो. अनिर्बान गुहा भी यह मानते हैं कि जेनरेटिव एआई के दौर में ऐसे रोबोट दस वर्षों में आपके घरों तक पहुंच जाएंगा।
घरों में काम करने के लिए विशेष रोबोट की जरूरत
प्रो. अनिर्बान गुहा भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी प्रयागराज में सेंटर आफ इंटेलिजेंट रोबोटिक्स (सीआईआर) द्वारा आयोजित “जेनरेटिव एआई और ह्यूमन रोबोट इंटरेक्शन पर हो रही कार्यशाला में शामिल हुए थे।यह भी पढ़ें: LG ने पेश किया इंसानों की तरह काम करने वाला AI Robot, जानें इसमें क्या दिए गए हैं फीचर्स
उन्होंने बताया कि वर्तमान में जो रोबोटिक्स तकनीक है वह उतनी परिष्कृत नहीं है। उद्योगों में जो रोबोट हैं वह साफ्टवेयर में फीड किए गए दिशानिर्देशों के अनुसार काम करते हैं और कई बार यह तकनीकी गड़बड़ी के कारण जानलेवा भी साबित होते हैं।
इस तरह के रोबोट घरों में काम करेंगे तो खामी बड़ी त्रासदी का कारण बन सकती है। ऐसे में हाऊसहोल्ड के लिए ऐसे रोबोट की जरूरत है जिनमें भावना भी हो। डीप लर्निंग (गहन शिक्षण) और न्यूरल नेटवर्क (तंत्रिका नेटवर्क) एआई की रीढ़ हैं और जेनरेटिव एआई से यह प्रौद्योगिकियां मशीनों को जटिल पैटर्न सीखने में काफी मदद करती हैं।
यह नए विचार उत्पन्न करके, संगीत तैयार करके और दृश्यात्मक रूप से कलाकृति बनाकर कलाकारों की सहायता भी कर सकता है इससे रोबोट को प्रशिक्षित कर सहयोगी के रूप में तैयार किया जा सकता है।यह भी पढ़ें: WhatsApp पर्सनल और सीक्रेट बातें ऐप ही नहीं, वेब पर भी रहेंगी सुरक्षित! इस सिक्योरिटी फीचर का कर सकेंगे इस्तेमाल