फ्लाइट में भी कर पाएंगे व्हाट्सएप चैट और इंटरनेट सर्फिंग, मगर देने होंगे ज्यादा दाम
फ्लाइट में मोबाइल और इंटरनेट इस्तेमाल के लिए चुकानी होगी ऊंची कीमत
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। दूरसंचार विभाग ने अब सभी विमान यात्रियों के लिए फ्लाइट में इंटरनेट के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। इसका मतलब यह है की अब आप फ्लाइट में इंटरनेट सर्फिंग, चैट और बात भी कर पाएंगे। आने वाले 3 से 4 महीनों में सभी घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय कैरियर विमान यात्रियों को इंटरनेट उपलब्ध करवाने में सक्षम होंगे।
दूरसंचार विभाग की अधिकारी अरुणा सुंदरराजन ने भारत में इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी के लिए हरी झंडी दिखाई है। इसका मतलब यह है की एयरलाइन्स अब विमान यात्रियों को टेलिकॉम कनेक्टिविटी और इंटरनेट उपलब्ध करवा पाएंगे। हालांकि, यह सेवा उन फ्लाइट्स में ही उपलब्ध करवाई जा सकेंगी जो 3000 मीटर या उससे अधिक की ऊंचाई पर उड़ान भरेंगी।
अरुणा ने कहा- ''इस मामले में दूरसंचार विभाग दिए गए लगभग सभी सुझावों को मान लिया गया है। हमें उम्मीद है की यह प्रक्रिया आने वाले 3 महीनों में शुरू हो जाएगी। अब इस मामले में और कोई अनुमोदन लेना बाकी नहीं है। इस मामले में टेलिकॉम कमीशन का निर्णय ही अंतिम है। ''
इस मामले में ट्राई का कहना है की- ''प्राधिकरण फ्लाइट में मोबाईल कम्युनिकेटिव और इंटरनेट की उपलब्धता की सिफारिश करती है। इससे पहले सरकार ने सुरक्षा कारणों से इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी को नकार दिया था।''
कैसे काम करेगी इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी?
यह सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी का लाइसेंस बनाया जाएगा। इस कैरियर द्वारा 1 रुपये का टोकन लाइसेंस शुल्क लिया जाएगा।
कितना चार्ज लगेगा?
अब जब इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी को हरी झंडी मिल गई है तो प्रश्न यह है की इस सेवा के लिए चार्ज कितना लगेगा? कुछ समय पहले आई रिपोर्ट के अनुसार यात्रियों को मोबाइल फोन और इंटरनेट के इस्तेमाल के लिए ओवरऑल फ्लाइट शुल्क का 30 प्रतिशत देना पड़ सकता है।