भारत में 6000 करोड़ का निवेश करेंगी बड़ी मोबाइल कंपनियां
भारत में 6000 करोड़ का निवेश मोबाइल कंपनियां करेंगी। मोबाइल फोन पर सरकार के 10 फीसदी से 20 फीसदी कर को कई जानकार इस निवेश से जोड़ कर देख रहे हैं।
नई दिल्ली(टेक डेस्क)। भारत में अगले दो सालों में बड़ी मोबाइल कंपनियां करीब 6,000 करोड़ रुपये का निवेश कर सकती हैं। अपने प्रोडक्ट्स में लोकल पार्ट्स बढ़ाने के लिए ये कंपनियां निवेश करेंगी। इसके लिए कंपनियां पीसीबी( प्रिंटेज सर्किट बोर्ड) का इस्तेमाल करेंगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत की माइक्रोमैक्स और लावा जैसी कंपिनायों के साथ चीन की वीवो, ओपो और वनप्लस भारत में निवेश बढ़ाने की योजना बना रही हैं। कई जानकारों का मानना है कि निवेश का एक कारण बजट भी हो सकता है, जहां भारत सरकार ने मोबाइल फोन पर कस्टम ड्यूटी को 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया है।
पीसीबी के इंपोर्ट पर अनुमानित लेवी का ये कंपनिया फायदा उठाने की तैयारी कर रही हैं। दरअसल किसी भी मोबाइल फोन को बनाने में 50 फीसदी की लागत पीसीबी पर आती है। पीसीबी की असेंबलिंग के लिए एसएमटी मशीन की जरूरत होती है। वहीं किसी भी मोबाइल फोन को बनाने में पीसीबी के साथ जिन इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स का इस्तेमाल होता है, वो काम एसएमटी मशीनें करती हैं। इस पूरे प्रक्रिया की काफी अहमियत होती है। भारत में सैमसंग साल 2006 से ही पीसीबी असेंबलिंग का काम कर रही है। सैमसंग के निवेश का एक बड़ा हिस्सा मोबाइल फोन की असेंबलिंग में लगता है।
सरकार ने हाल के समय में मोबाइल फोन पर कस्टम ड्यूटी को 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया है। ऐसे में बड़ी कंपनियों द्वारा 6000 करोड़ का निवेश भारत में आने वाले समय में और निवेश की संभावनाओं को बढ़ा रहा है।
यह भी पढ़ें:
बाजार में तहलका मचाने आ रहे हैं शाओमी, इनफिनिक्स और हॉनर के ये स्मार्टफोन्स