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Republic Day 2024 : Chandrayaan-3 से लेकर AI तक, 2023 में टेक्नोलॉजी क्षेत्र में कैसा रहा भारत का सफर

2023 बहुत से मायनों में भारत के लिए खास रहा है जिसमें सेमीकंडक्टर चंद्रयान-3 और Ai जैसी खास उपलब्धियां शामिल है। जैसा कि हम जानते हैं कि 2023 को भारत के चंद्रमा पर उतरने के लिए ही जाना जाएगा। मगर अन्य उपलब्धियां भी भारत के लिए मील का पत्थर साबित हुई है। आइये जानते हैं 2023 में भारत का टेक्नोलॉजी क्षेत्र में सफर कैसा रहा।

By Ankita Pandey Edited By: Ankita Pandey Updated: Fri, 26 Jan 2024 12:41 PM (IST)
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Republic Day 2024 : 2023 में टेक्नोलॉजी क्षेत्र में खास रहा भारत का सफर
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। 2023 भारत के लिए बहुत ही खास साल रहा है, क्योंकि इस साल देश ने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की। खासकर टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में चंद्रयान-3 से लेकर Ai और 5G तक देश ने कई माइलस्टोन पार किए है। आज हम आपको बताएंगे कि 2023 टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कैसा रहा।

पिछले कुछ सालों मे भारत ने तकनीकी क्षेत्र में बहुत विकास किया है। जहां चंद्रयान-3 और विक्रम लैंडर के जरिए चंद्रमा पर सॉफ्ट लेंडिंग कर ली, वहीं दूसरी तरफ 5G ने पूरे भारत को कवर कर लिया है। आइये इसके बारे में जानते हैं।

चंद्रयान-3

  • चंद्रयान-3 भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जिसने इतिहास में भारत के नाम को रोशन किया है।
  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चंद्रयान-3 मिशन में भारत ने 23 अगस्त को इतिहास रचा।
  • ये मिशन इसलिए भी खास है, क्योंकि सितंबर 2019 में चंद्रयान-2 के चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में विफल होने से लगभग हर भारतीय बहुत निराश हुआ था। मगर चार साल बाद जब विक्रम लैंडर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की।
  • जिसके बाद भारत ऐसा करने वाला पहला देश बन गया, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।
  • बता दें कि 14 जुलाई को लॉन्च किए गए चंद्रयान-3 ने अपने तीन मुख्य उद्देश्यों को पूरा किया। इसमें सफल सॉफ्ट लैंडिंग, घूमने की क्षमताओं का प्रदर्शन और विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर पर टूल का उपयोग करके वैज्ञानिक प्रयोग करना शामिल है।
  • विक्रम लैंडर के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद भारत ऐसा करने वाला पहला देश बन गया।

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भारत सेमीकंडक्टर मिशन

  • इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन के भीतर एक समर्पित डिविजन है, जिसे एक सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम बनाने के लिए स्थापित किया गया है।
  • इसका लक्ष्य है कि भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग और डिजाइन का ग्बोबल सेंटर बनाया जा सकें।
  • आईएसएम ने 2023 में भारत को चिप मैन्युफैक्चरिंग का एक प्रमुख केंद्र बनने के लिए मंच तैयार किया है। इसकी शुरुआत गुजरात के साणंद में माइक्रोन के 2.75 बिलियन डॉलर के सेमीकंडक्टर प्लांट पर निर्माण से हुआ।

भारत में 5G का बोलबाला

  • 2022 में 5G को भारत में जब लॉन्च किया गया था तो किसी ने नहीं सोचा था कि भविष्य में ये एक नया मुकाम हासिल कर लेगा।
  • भारत ने 2023 में केवल नौ महीनों के भीतर सभी 22 सेवा क्षेत्रों में लक्ष्य को पार करते हुए सबसे तेज 5G रोलआउट के साथ इतिहास रचा है।
  • आपको बता दें कि रोलआउट के साथ ही रिलायंस जियो और भारती एयरटेल ने भी अपने 5G नेटवर्क को लॉन्च किया था।
  • इसके बाद इन टेलीकॉम कंपनियों ने 2.70 लाख 5G साइटें तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • जिसने भारत को एक नए मुकाम पर पहुंचा दिया है।

आकाश मिसाइल

  • भारत को आत्मनिर्भर बनाने की ओर एक और कदम बढ़ाते हुए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) ने आकाश मिसाइल विपन सिस्टम का विकास और निर्माण किया है।
  • बता दें कि आकाश मिसाइल 45 किमी दूर तक विमान को निशाना बना सकती है और यह लड़ाकू विमानों और मिसाइलों जैसे अलग-अलग खतरों को बेअसर कर सकती है।
  • इसके अलावा इसमें एक ही यूनिट का उपयोग करके एक साथ चार लक्ष्यों पर हमला करने की सुविधा भी है।
  • ये भारत को सुरक्षा की दृष्टि से भी आत्मनिर्भर बना रही है।

आईएनएस विक्रांत

  • आईएनएस विक्रांत देश का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है, जो भारत की नौसैना की क्षमता को नए स्तर पर ले गया।
  • इसका बजट 45,000 टन है और इसे कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा बनाया गया है।
  • आपको बताते चले कि यह भारत में डिजाइन किया गया और बनाया गया सबसे बड़ा नौसैनिक जहाज है, जो नौसेना की तकनीकी में भारत की शक्ति को दर्शाता है।
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