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भारत बना WTSA होस्ट करने वाला एशिया का पहला देश, पीएम मोदी ने किया उद्घाटन

पीएम नरेंद्र मोदी ने आज इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम ने 6G इंटरनेट और साइबर अटैक पर प्रमुखता से जोर दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी देश अकेले साइबर खतरे और चुनौतियों से नहीं निपट सकता है। टेक्नोलॉजी के लिए वैश्विक स्तर पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए यह मानक तय करने होंगे

By Jagran News Edited By: Yogesh Singh Updated: Tue, 15 Oct 2024 08:05 PM (IST)
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मोदी ने कहा कि भारत टेलीकॉम और उससे जुड़ी टेक्नोलॉजी के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में से एक

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विश्व दूरसंचार मानकीकरण कार्यक्रम (डब्ल्यूटीएसए) के उद्घाटन अवसर पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कोई भी देश अकेले साइबर खतरे और चुनौतियों से नहीं निपट सकता है। क्योंकि जितने भी डिजिटल टूल्स और एप्लीकेशंस हैं, वो बंधन से परे हैं, किसी भी देश की सीमा से परे हैं। इसलिए अब डिजिटल टेक्नोलॉजी के वैश्विक फ्रेमवर्क व दिशा निर्देश तय करने का समय आ गया है।

साइबर अटैक से बचने के लिए बनें मानक

टेक्नोलॉजी के लिए वैश्विक स्तर पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, यह मानक तय करने होंगे और वैश्विक संस्थाओं को इसके महत्व का स्वीकारना होगा। इस कार्यक्रम में मौजूद 190 से अधिक देशों के नुमाइंदों से प्रधानमंत्री ने कहा कि साइबर खतरों से निपटने के लिए हम ऐसे मानक बनाएं, जो समावेशी हों, सुरक्षित हों और भविष्य की हर चुनौतियों से निपटने में सक्षम हो।

ये मानक अलग-अलग देशों के विविधीकरण का सम्मान भी करे। इसके लिए हमें मिलकर काम करना होगा, वैश्विक संस्थाओं को आगे बढ़कर जिम्मेदारी निभानी होगी। हमने जैसे नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिए एक वैश्विक नियम बनाए हैं, वैसे ही फ्रेमवर्क की जरूरत डिजिटल दुनिया को भी है। इसके लिए डब्ल्यूटीएसए को और अधिक सक्रियता से काम करना होगा।

मोदी ने भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) की सफलता की कहानी दोहराते हुए कहा कि हमें पूरी दुनिया के साथ भारत के डीपीआई से संबंधित अपनी जानकारी और अपने अनुभव को साझा करने में खुशी होगी। भारत में डिजिटल टेक्नोलॉजी को लोकतांत्रिक बनाया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश होनी चाहिए कि इस डिजिटल युग में कोई देश, कोई क्षेत्र, कोई समुदाय पीछे न रह जाए। हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हमारा भविष्य तकनीक के साथ नैतिक रूप से भी मजबूत हो।

मोदी ने कहा कि भारत टेलीकॉम और उससे जुड़ी टेक्नोलॉजी के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है। भारत में 120 करोड़ मोबाइल फोन यूजर्स हैं। 95 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हैं। भारत में दुनिया का 40 प्रतिशत से अधिक का रियल टाइम डिजिटल ट्रांजैक्शन होता है। भारत ने जिसने डिजिटल कनेक्टिविटी को अंतिम छोर का असरदार टूल बनाकर दिखाया है। डब्ल्यूटीएसए के साथ प्रधानमंत्री ने सोमवार को इंडिया मोबाइल कांग्रेस का भी उद्घाटन किया। इस मौके पर संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ देश की सभी बड़ी टेलीकॉम कंपनियों के चेयरमैन भी मौजूद थे।

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