6G Sensor Technology: मोबाइल नेटवर्क करेगा सेंसर का काम, खतरे का पहले ही चल जाएगा पता
एशिया के सबसे बड़े टेक इवेंट India Mobile Congress 2023 का आगाज हो चुका है। यह तीन दिवसीय इवेंट नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है। इसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस इवेंट के पहले दिन Nokia और Ericsoon जैसी प्रमुख कंपनियों ने अपनी 6G Technology से पर्दा उठाया।
राजीव कुमार, नई दिल्ली। आप अपनी गाड़ी से पहाड़ या जंगल के रास्ते से गुजर रहे हैं और आगे की सड़क पर हाथी बैठा है या कोई जंगली जानवर सड़क पर आ गया है तो इसकी जानकारी आपको उस स्थान पर पहुंचने से पहले ही मिल जाएगी।
यह संभव होने जा रहा है 6G Sensor Technology से जिसे टेलीकॉम कंपनियां विकसित कर चुकी हैं। इस टेक्नोलॉजी मदद से हमें खतरे की चेतावनी पहले ही मिल जाएगी। किसी भी व्यक्ति से लेकर बस, ट्रक, कार तक के लोकेशन को भी आसानी से जान सकेंगे। अपराधियों को भी पकड़ने में 6जी सेंसर टेक्नोलॉजी से बड़ी मदद मिलेगी।
Nokia और Ericsson ने दिखाई 6G सेंसर टेक्नोलॉजी
शुक्रवार को इंडिया मोबाइल कांग्रेस में नोकिया व इरिक्सन ने 6जी सेंसर टेक्नोलॉजी को प्रदर्शित किया जिसे देखने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी गए।नोकिया की आरएंडडी निदेशक पोनी कृष्णामूर्ति ने बताया कि 6जी सेंसर टेक्नोलॉजी के तहत सभी नेटवर्क सेंसर का काम करेंगे।
यह सेंसर पियानो की तरह बजने का काम करेगा। पहले किसी भी व्यक्ति, जानवर या आइटम को सेंसर से महसूस करेगा और उसके बारे में सूचना देगा। उन्होंने बताया कि अगर कार से आप कही जा रहे हैं और रास्ते में पत्थर गिरा है तो कार में लगे 6जी डेवाइस में उसकी सूचना पहले ही आ जाएगी।
2030 तक शुरू होगा सार्वजनिक इस्तेमाल
कोई व्यक्ति अगर कार से भाग रहा है तो उसकी जानकारी भी अन्य 6जी डेवाइस पर मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि इस टेक्नोलॉजी को विकसित कर लिया गया है जिसका सार्वजनिक इस्तेमाल वर्ष 2030 तक शुरू हो सकता है।
मोबाइल कांग्रेस में नोकिया की तरह इरिक्सन की तरफ से भी 6जी सेंसर टेक्नोलॉजी की नुमाइश की गई। इरिक्सन ने मोबाइल कांग्रेस में 6जी सेंसर वाले टी-शर्ट को दिखाया जो सेंसर के माध्यम से सभी प्रकार के डाटा को कैप्चर करता है।
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इसमें लगाए जाने वाले सेंसर जख्म पर चिपकाए जाने वाले बैंडेड की तरह दिखता है। इस सेंसर का इस्तेमाल कई रूप में हो सकता है। सेंसर की मदद से अस्पतालों में एक साथ कई मरीजों की निगरानी की जा सकती है।
पहले ही मिल जाएगी ट्रैफिक की जानकारी
इरिक्सन ने ऐसे डेवाइस को विकसित किया है जिससे चालक को पहले ही ट्रैफिक की सूचना मिल जाएगी। हालांकि, इन डेवाइस के सार्वजनिक इस्तेमाल में अभी वक्त लगेगा। एयरटेल ने तो इलेक्टि्रक वाहनों के लिए बैट्री मैनेजमेंट डेवाइस विकसित किया है जिसकी मदद से बैट्री से होने वाले नुकसान से भी बचा जा सकेगा और बैट्री की लाइफ भी बढ़ेगी।
एयरटेल ने ऑटोमोबाइल बनाने वाली कंपनियों के लिए ऐसी टेक्नोलॉजी विकसित की है जिसे कार या अन्य वाहन में लगाने से उस वाहन मालिक को सभी प्रकार के अलर्ट भेजे जा सकेंगे।