6G तकनीक में भारत की ऊंची छलांग, दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिया ये महत्वपूर्ण अपडेट
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित भारत स्टार्टअप समिट में बोलते हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि भारतीय ने 6जी प्रौद्योगिकी के लिए 100 पेटेंट हासिल कर लिए हैं। 397 शहरों में पहुंचा 5G पहुंच चुका है।
By Anand PandeyEdited By: Anand PandeyUpdated: Thu, 16 Mar 2023 09:28 PM (IST)
नई दिल्ली टेक डेस्क। आईटी और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और शिक्षाविदों ने 6जी प्रौद्योगिकी के लिए 100 पेटेंट हासिल कर लिए हैं। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित भारत स्टार्टअप समिट में बोलते हुए मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेज नेटवर्क के साथ 5G तकनीक में छलांग लगा रहा है।
अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स बहुत जटिल है। लेकिन जटिलता के बावजूद, हमारे वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और शिक्षाविदों ने मिलकर 6G में 100 पेटेंट हासिल किए है। मंत्री ने कहा है कि सरकार का लक्ष्य 31 मार्च, 2023 तक 200 शहरों में 5जी नेटवर्क को पहुंचाना था, लेकिन यह अब 397 शहरों में पहुंच चुका है।
भारत की अर्थव्यवस्था 3.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था 3.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की हो गई है। यह शासन, बुनियादी ढांचे और व्यवसायों में परिवर्तन के साथ दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। जब किसी देश या अर्थव्यवस्था को इस स्तर पर पहुंचना होता है तो हजारों व्यवस्थाओं को बदलने की जरूरत पड़ती है, जिसमें गवर्नेंस सिस्टम, लॉजिस्टिक्स सिस्टम, बैंकिंग सिस्टम और खुद की बिजनेस पद्धति शामिल है।वैष्णव ने आगे कहा कि अगर हम यह परिवर्तन करने में सक्षम हैं तो ऐसी कोई ताकत नहीं है जो भारत को 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने से रोक सके।
मेड इन इंडिया पर दिया जोर
देश में मोबाइल फोन निर्माण के प्रति ढुलमुल रवैये का आरोप लगाते हुए अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस पार्टी की आलोचना की। उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे याद है कि 10 साल पहले जब हम किसी चर्चा में बैठते थे तो कहा जाता था कि मोबाइल की पहुंच अच्छी है, लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन यह भारत में नहीं बन सकता है। 10 साल पहले 99 फीसदी मोबाइल फोन बाहर से आयात किए जाते थे और अब भारत में इस्तेमाल होने वाली 99 फीसदी यूनिट स्थानीय स्तर पर बनाई जाती हैं।