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AI टेक्नोलॉजी को लेकर कहीं जॉब जाने का मंडरा रहा खतरा, कहीं टिकी हैं बेहतर भविष्य की उम्मीद

Indians feel AI could replace their jobs Some expect transformation एआई टेक्नोलॉजी नई नहीं है लेकिन बीते कुछ महीनों से इस टेक्नोलॉजी को लेकर हर इंटरनेटर यूजर में एक क्रेज देखने को मिला है। यह टेक्नोलॉजी बीते साल चैटजीपीटी के आने के बाद से ही यूजर को लुभाने लगी है। एआई टेक्नोलॉजी को लेकर किए गए एक सर्वे में यूजर का अलग-अलग मत सामने आया है।

By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Thu, 13 Jul 2023 08:00 PM (IST)
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Indians feel AI could replace their jobs Some expect transformation

नई दिल्ली, टेक डेस्क। एआई टेक्नोलॉजी को नया नहीं माना जा सकता है। हालांकि, अमेरिका की एआई स्टार्टअप कंपनी ओपनएआई का एआई बेस्ड चैटबॉट चैटजीपीटी  हर इंटरनेट यूजर के लिए एक नए अविष्कार जैसा था। इंटरनेट यूजर के लिए चैटबॉट की पेशकश ह्यूमन-लाइक टेक्स्ट जनरेट करने वाले मॉडल के रूप में हुई। महज लॉन्चिंग के दो महीने भर में इस चैटबॉट को इस्तेमाल करने वाले यूजर्स की संख्या 100 मिलियन के आंकड़े को छू गई।

एआई टेक्नोलॉजी में क्या है खास?

इस चैटबॉट की खासियत ही है कि यह इंसानों के काम को पहले के मुताबिक बेहद कम समय में पूरा करने में काम आता है। यूजर इस चैटबॉट का इस्तेमाल किचन में नई रेसिपी ट्राई करने से लेकर किताब लिखने तक कर सकता है।

इतना ही नहीं, चैटबॉट म्यूजिक कंपोज करने में भी यूजर की मदद करता है। ऐसे बहुत से काम हैं जो यूजर चैटबॉट की मदद से कम समय और मेहनत के साथ कर बेहतर आउटपुट पा सकता है। यही वजह है कि एआई टेक्नोलॉजी की खूबियां इंसानों का ही नुकसान करवाने के रूप में देखी जा रही है।

एआई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर एक यूजर अपना बढ़िया रिज्यूम बनवा सकता है तो वह उस यूजर की जॉब पर सभी योग्यताओं के साथ फिट भी हो सकता है।

डर के साये में क्यों हैं यूजर्स?

ऐसे बहुत से लोग हैं जो इस नई टेक्नोलॉजी को लेकर डर के साये में हैं। डर यही कि यह नई और एडवांस टेक्नोलॉजी वर्कप्लेस पर उनकी जगह ही न ले ले।

अगर आपने भी यह डर महसूस किया है तो आप अकेले नहीं हैं, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एक सर्वे (Ipsos survey) से यह बात सामने आई है कि हर 10 में से 6 भारतीय यूजर को उसकी जॉब जाने का डर सता रहा है। 10 में से 2 यूजर का मानना है कि बहुत जल्द एआई उनकी जॉब ले लेगा।

हर इंटरनेट यूजर के मन में एआई को लेकर चल रही दुविधा को लेकर एक मार्केट रिसर्च फर्म ने एक सर्वे करवाया है। यह सर्वे 31 देशों के 22,816 अडल्ट इंटरनेट यूजर्स को लेकर किया गया है।

51 प्रतिशत शहरी भारतीयों को डर है कि एआई उनकी जॉब छीन लेगा, जबकि 62 प्रतिशत यूजर्स को लगता है कि उनके काम करने के तरीके में एआई टेक्नोलॉजी की वजह से बड़ा बदलाव आ सकता है।

65 प्रतिशत शहरी भारतीयों को उम्मीद है कि अगले 3 से 4 सालों में उनके जीवन जीने के तरीके में एआई की वजह से पूरी तरह से बदलाव आ जाएगा। एआई टेक्नोलॉजी को लेकर 64 प्रतिशत यूजर्स का दावा है कि उन्हें एआई को लेकर अच्छी समझ है, जबकि 62 प्रतिशत यूजर्स इस नई टेक्नोलॉजी के बारे में अधिक से अधिक जानकारियों को जानना चाहते हैं।

भारतीयों को उम्मीद नुकसान से ज्यादा फायदेमंद होगी टेक्नोलॉजी

एआई को लेकर भारतीयों पर किए गए सर्वे में टेक्नोलॉजी को लेकर एक पॉजिटिव सेंटीमेन्ट देखने को मिला है। 65 प्रतिशत भारतीय यूजर्स को यकीन है कि एआई के साथ कल का भविष्य बेहतर होगा।

इस टेक्नोलॉजी के नुकसान से ज्यादा फायदे होंगे। 66 प्रतिशत यूजर्स इस टेक्नोलॉजी को लेकर उत्साहित हैं, लेकिन 58 प्रतिशत यूजर्स ऐसे भी हैं जो एआई टेक्नोलॉजी को लेकर पॉजिटिव नहीं हैं।

50 प्रतिशत यूजर्स को भरोसा है कि एआई टेक्नोलॉजी के साथ उनकी हेल्थ में भी सुधार होगा। 48 प्रतिशत यूजर्स को लगता है कि उनकी नौकरी एआई के साथ और बेहतर होगी। 54 प्रतिशत यूजर्स को लगता है कि एआई के साथ भारतीय अर्थव्यस्था भी पहले से बेहतर होगी। एआई को लेकर 57 प्रतिशत यूजर्स को लगता है कि उनके मनोरंजन के साधन भी पहले के मुताबिक बेहतर होंगे।