मिशन शक्ति को NASA ने बताया भयानक, पढ़ें इस मिशन से संबंधित सभी डिटेल्स
जिम ब्रिडेनस्टाइन ने यह कहा कि भारत ने एक लो-ऑरबिटिंग सैटेलाइट को इसलिए नष्ट किया है जिससे वो यह साबित कर सके कि वो विश्व की सबसे ताकतवर अंतरिक्ष शक्तियों में से एक है
By Shilpa Srivastava Edited By: Updated: Tue, 02 Apr 2019 02:06 PM (IST)
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। भारत ने अंतरिक्ष में घूम रहे एंटी सैटेलाइट को लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) के 300 किलोमीटर के अंदर मार गिराया था। ऐसा करने वाला भारत चौथा देश बन गया है। इस प्रक्रिया को NASA के प्रमुख जिम ब्रिडेनस्टाइन ने भयानक बताया है। इनका कहना है कि भारत ने इस सैटेलाइट को नष्ट कर ऑरबिटल डेबरिस के 400 टुकड़े बना दिए हैं जो इंटरनेशनल स्पेस में जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। जिम ब्रिडेनस्टाइन ने यह भी कहा कि भारत ने एक लो-ऑरबिटिंग सैटेलाइट को इसलिए नष्ट किया है जिससे वो यह साबित कर सके कि वो विश्व की सबसे ताकतवर अंतरिक्ष शक्तियों में से एक है।
जिम ब्रिडेनस्टाइन ने यह भी कहा कि नष्ट किए गए सैटेलाइट्स के सभी टुकड़े बड़े नहीं हैं, लेकिन कुछ ऐसे हैं जिन्हें ट्रैक किया गया है। इनका साइज 10 सेंटीमीटर यानी 6 इंच है और कुछ इनसे बड़े भी हैं। ऐसे ही करीब 60 टुकड़ों को ट्रैक किया गया है। यह घटना स्वीकर्य नहीं है। NASA इस पर स्पष्टीकरण चाहता है कि इससे हमारे ऊपर क्या प्रभाव पड़ेगा। आपको बता दें कि अमेरिकी सेना अंतरिक्ष में ऑब्जेक्टस को ट्रैक करती हैं जिससे यह पता चल सके कि आईएसएस और उपग्रहों के लिए कोई खतरा तो नहीं है और उन्होंने 10 सेंटीमीटर से ज्यादा वाले 23,000 ऑब्जेक्टस को ट्रैक किया है। इसमें 10,000 स्पेस डेबरिस के टुकड़े हैं।
Tech Videos देखने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल HiTech को Subscribe करेंNASA के प्रमुख ने भारत के किए गए जिस टेस्ट को लेकर जो बयान दिया है वो टेस्ट क्या है, भारत ने किस सैटेलाइट को गिराया है यह हम आपको यहां बता रहे हैं।
'एंटी सैटेलाइट' यानी A-SAT क्या है?एंटी-सैटेलाइट यानी A-SAT को स्पेस वेपन के तौर पर भी जाना जाता है जिसका इस्तेमाल सैटेलाइट को तबाह करने के लिए किया जाता है। दुनिया के कुछ देश इस तरह के एंटी सैटेलाइट को अंतरिक्ष में छोड़ते हैं जिसका इस्तेमाल सैटेलाइट को तबाह करने के लिए किया जाता है। हालांकि, अभी तक किसी भी तरह के A-SAT सिस्टम का इस्तेमाल यूद्ध के दौरान नहीं किया गया है। भारत से पहले A-SAT को मार गिराने की क्षमता केवल अमेरिका, चीन और रूस के पास थी। आज भारत ने मिशन शक्ति के तहत A-SAT को लो अर्थ ऑर्बिट में गिराकर यह उपलब्धि हासिल की है।
इस एंटी सैटेलाइट सिस्टम के जनक के तौर पर अमेरिका और रूस को जाना जाता है। अमेरिका ने सन 1950 में जबकि रूस ने 1956 में एंटी सैटेलाइट सिस्टम विकसित किया है। साल 2007 में चीन ने अपने ही एक सैटेलाइट को लो अर्थ ऑर्बिट में मारकर इस तकनीक के क्षेत्र में कदम रखने वाला तीसरा देश बन गया। भारत 2010 में इस तरह के एंटी सैटेलाइट मिसाइल को लो ऑर्बिट में मारने की तकनीक पर काम कर रहा था।यहां क्लिक कर जानें क्या है LEO यानी लो अर्थ ऑर्बिट
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