भारत में स्वदेशी 4G और 5G तकनीक होगी इस साल पेश, दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया प्लान
केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने B20 के मंच से एक बार फिर ऐलान किया है कि भारत में 4G और 5G की स्वदेशी तकनीक इसी साल पेश होने जा रही है। इसके साथ उन्होंने और भी कई जानकारी दी। (जागरण फ़ाइल फोटो)
By Kritarth SardanaEdited By: Kritarth SardanaUpdated: Mon, 23 Jan 2023 05:01 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। रिलायंस जियो और भारती एयरटेल देश में 5G सेवा का लगातार विस्तार करने में लगी हुई है। लेकिन BSNL ने अभी तक 5G के साथ 4G सेवा भी लॉन्च नहीं की है। BSNL की 4G और 5G सेवा पर हमेशा केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव अपडेट देते रहते हैं। दूरसंचार मंत्री पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि देश में अब स्वदेशी 4G और 5G तकनीक पेश की जाएगी।
दूरसंचार मंत्री ने अब क्या कहा
दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वैश्विक व्यापार समुदाय के साथ आधिकारिक G20 संवाद के मंच B20 (द बिजनेस 20) में इसी को लेकर जानकारी दी। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस साल स्वदेशी रूप से विकसित 5जी और 4जी दूरसंचार प्रौद्योगिकी स्टैक को पेश किया जाएगा। जिसके बाद अगले साल से यह प्लेटफॉर्म दुनिया के लिए पेश होगा। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में केवल पांच देशों के पास एंड-टू-एंड 4जी-5जी दूरसंचार प्रौद्योगिकी स्टैक है। लेकिन अब सार्वजनिक निजी भागीदारी (public private partnership) के साथ भारत ने अपनी तकनीक विकसित की है। इसके जरिये 10 मिलियन कॉल को एक साथ संभालने की टेस्टिंग की जा रही है।
अश्विनी वैष्णव ने कहा 'हमारे निजी और सार्वजनिक भागीदारी के दृष्टिकोण ने हमें एक समाधान दिया है जहां कोर को विकसित किया गया था, सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा निवेश किया गया था, सार्वजनिक धन, और बाकी सब कुछ निजी भागीदारों से आता है। वैष्णव ने कहा 'हम 2023 में लगभग 50,000 से 70,000 टावर्स, साइट्स को रोल आउट करेंगे और फिर 2024 में इसे दुनिया के लिए पेश करेंगे।'
इसके साथ मंत्री ने आर्थिक प्रबंधन, डिजिटल अर्थव्यवस्था, डिजिटल अर्थव्यवस्था में नियमन (रेगुलेशन) और नई तकनीक के विकास की ओर निर्देशित चार व्यापक दृष्टिकोणों पर भी विस्तार से बताया। गौरतलब हैं इन्हें भारत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कुछ गंभीर समस्याओं को हल करने में मदद के लिए अपनाया है।
मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 'डिजिटाइजेशन के लिए प्रधानमंत्री ने अलग तरीका अपनाया जहां भारत ने एक ऐसा डिजीटल ईकोसिस्टम बनाया है जिसमें किसी बड़ी तकनीक का एकाधिकार न हो। इसका दुनिया में हर जगह उदाहरण दिया जाएगा।'