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क्या एआई से है नौकरियों को खतरा? इन्फोसिस फाउंडर नारायण मूर्ति बोले डरने की नहीं है जरूरत

आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स (AI) और नौकरियों को लेकर दिग्गज टेक कंपनी इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति ने अपने विचार शेयर किए हैं। उनका कहना है कि नौकरियां खोने की चिंता के बजाय इस बात पर विचार करना चाहिए कि कैसे हम एआई का इस्तेमाल इंसानों को और भी अधिक कार्य कुशल बनाने के लिए इन लेटेस्ट टेक्नोलॉजी को कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं।

By Subhash Gariya Edited By: Subhash Gariya Updated: Fri, 17 May 2024 07:00 PM (IST)
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नारायण मूर्ति बोले- हमें AI टूल्स का स्वागत करना चाहिए।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स (AI) और नौकरियों पर इसके असर को लेकर आए दिन रिपोर्ट्स सामने आती हैं। अब भारतीय टेक दिग्गज कंपनी Infosys के फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति ने इसे लेकर अपने विचार रखे हैं। उनका मानना है कि नौकरियों पर AI के खतरों को लेकर बातें बढ़ा चढ़ाकर बोली जा रही हैं। वे आगे कहते हैं कि AI नए मौके और इंसानों की कार्य कुशलता बढ़ाने में मददगार होगा। उन्होंने 1970 से कंप्यूटर सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग टूल बनाने से शुरुआत की थी।

नारायण मूर्ति ने याद किए शुरुआती दिन

मनीकंट्रोल के इवेंट Infosys Science Foundation (ISF) के दौरान वे कहते हैं कि AI ऐसा टूल है, जिसका स्वागत किया जाना चाहिए। इसके साथ ही वे कहते हैं भारत ऐसे चरण में प्रगति कर चुका है, जहां वह दूसरी विकसित कॉन्सेप्ट को अपना सकता है और उसमें नया करने की सक्षमता रखता है।

शुरुआती दिनों को याद करते हुए वे कहते हैं कि, जब हमने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग टूल्स बनाना शुरू किया था, तो लोगों को लगता था कि ये टूल्स सॉफ्टवेयर डेवलमेंट कैटेगरी के जॉब्स को सीमित कर देंगे। लेकिन, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।

युवाओं को AI पर करना चाहिए निवेश

नारायण मूर्ति आगे कहते हैं कि इंसानों का मस्तिष्क बड़ी समस्याओं के हल खोजने के लिए बना है और यह काम किसी कोड जेनरेटर से संभव नहीं है। आज भारत दुनियाभर के आइडिया पर काम करने और उन्हें अपनी बेहतरी के लिए यूज करने के लिए तैयार है।

जेनेरेटिव एआई और लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLMs) का उदाहरण देते हुए कहते हैं कि आज भारत इन्हें एक्सप्लोर और इस्तेमाल कर रहा है। वे कहते हैं युवाओं को इन नई चीजों में निवेश करना चाहिए। ऐसा हो भी रहा है। मुझे पूरा यकीन है कि ये होगा, लेकिन यह एक लंबी प्रक्रिया है। इसमें समय लगता है।

AI से कुछ नौकरियों को खतरा

एआई और नौकरियों को लेकर बात करते हुए मूर्ति कहते हैं कि निश्चित रूप से यह टेक्नोलॉजी कुछ नौकरियां खा लेगा, जिनमें ऑटोनोमस ड्राइविंग, न्यूक्लियर रिएक्टर जैसी खतरनाक इन्वायरमेंट की नौकरियां और सटीक उपकरणों से होने वाले रिमोट सर्जरी जैसे क्षेत्र शामिल है।

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इसके साथ ही वे एसेस्टिव टेक्नोलॉजी में AI की अहमियत बताते हुए कहते हैं, यह इंसानों को सोचना होगा कि इस टेक्नोलॉजी को अपना दोस्त कैसे बनाऊं और इससे अपनी कार्य कुशलता कैसे सुधार सकता हूं।

नारायण मूर्ति आगे यह भी कहते हैं AI से नौकरियां खतरें में पड़ जाएंगे की बहस को इसके इस्तेमाल की ओर शिफ्ट करने की जरूरत है। उनका यह भी कहना है, ''मुझे लगता है कि नौकरियां खोने की चिंता के बजाय इस बात पर विचार करना चाहिए कि हम इंसानों को और भी अधिक कार्य कुशल बनाने के लिए एआई, जेनेरेटिव एआई, लार्ज लैंग्वेज मॉडल का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं।''

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