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Apple ID के लिए नहीं होगा पासवर्ड का इस्तेमाल, हैकिंग से बचाने में ये तगड़ा सुरक्षा फीचर आएगा अब काम

Apple ID will automatically be assigned a passkey In iOS 17 iPadOS 17 macOS Sonoma एपल यूजर्स के लिए कंपनी ने एक नया अपडेट जारी किया है। इस नए अपडेट के साथ यूजर्स अपने डेटा और डिवाइस की सिक्योरिटी को पासकी के सात और पक्का कर सकेंगे। यूजर के लिए यह नया फीचर कैसे काम करेगा इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं।

By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Thu, 22 Jun 2023 09:07 AM (IST)
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Apple ID will automatically be assigned a passkey In iOS 17, iPadOS 17, macOS Sonoma
नई दिल्ली, टेक डेस्क। अगर आप एक एक एपल यूजर हैं तो इस बात की जानकारी होगी कि कंपनी एपल प्रोडक्ट के साथ यूजर्स को बेहतर सुरक्षा का एनवायरमेंट उपलब्ध करवाती है। एपल यूजर्स और उनके सेंसिटिव डेटा की सिक्योरिटी के लिए कंपनी सिक्योरिटी-फॉक्स्ड फीचर्स को पेश करती है। इसी कड़ी में कंपनी ने अपने यूजर्स के लिए एक नया अपडेट जारी किया है।

एपल यूजर्स के लिए क्या है नया अपडेट?

दरअसल एपल यूजर्स के लिए जारी नए अपडेट के मुताबिक iOS 17, iPadOS 17, और macOS Sonoma के साथ यूजर्स अपनी सुरक्षा को और पक्की कर सकते हैं। वे यूजर्स जिनके पास एपल आईडी है, वे पासकी (passkeys) का इस्तेमाल कर सकेंगे।

iOS 17, iPadOS 17, और macOS Sonoma यूजर्स के लिए एपल आईडी के साथ सुरक्षा के इस फीचर को ऑटोमेटिक सेटिंग में पाया जा सकेगा। यानी यूजर को एपल आईडी के इस्तेमाल के साथ पासकी की सिक्योरिटी मैन्युअली सेट करने की जरूरत नहीं होगा।

 डेटा को हैकर्स से कैसे बचा सकेंगे?

नए अपडेट के साथ यूजर्स एपल आईडी के साथ आईक्लाउड, ऐप स्टोर और एपल अकाउंट वेबसाइट के लिए लॉग-इन के लिए पासवर्ड का इस्तेमाल करते थे।

यह हैकर द्वारा जानकारियों को चुराए जाने का खतरा पैदा कर सकता था। हालांकि, अब नए अपडेट के साथ इन सर्विस के लिए पासवर्ड की जगह पासकी का इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसका मतलब हुआ कि एपल यूजर वेब पेज एपल पेज के लिए साइन-इन करते हुए टच आईडी और फेस आईडी का इस्तेमाल कर सकेगा।

Passkeys कैसे है passwords से बेहतर?

एपल की एक पोस्ट के मुताबिक यूजर्स के लिए Passkeys एक क्रिप्टोग्राफिक एन्टिटी है। इसका इस्तेमाल पासवर्ड की जगह किया जा सकता है। पासकीज में पासवर्ड के मुकाबले बेहतर सुरक्षा मिलती है, क्यों कि यह की-पेयर के साथ आता है। जहां एक की वेबसाइट और ऐप के साथ रजिस्टर्ड होते हुए पब्लिक होती है, जबकि दूसरी प्राइवेट होती है।