Google के Incognito मोड का करते हैं इस्तेमाल, तो हो जाएं सावधान, 36,000 करोड़ रुपये का हुआ मुकदमा
Incognito मोड यूजर्स सेफ्टी के लिहाज से खतरनाक साबित हो सकता है। इसी दावे को लेकर Google के खिलाफ मुकदमा किया गया है जिसमें आरोप लगाया गया है कि Google Incognito मोड का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लोकेशन और डेटा को चोरी करने का काम करता है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। सर्च इंजन प्लेटफॉर्म Google का इस्तेमाल आमतौर पर सभी यूजर करते हैं। इनमें से कुछ लोग Google के प्राइवेट सर्च टैब Incognito मोड का भी इस्तेमाल करते है। लेकिन Incognito मोड यूजर्स सेफ्टी के लिहाज से खतरनाक साबित हो सकता है। इसी दावे को लेकर अमेरिकी कोर्ट में Google के खिलाफ एक मुकदमा किया गया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि Google Incognito मोड का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लोकेशन और डेटा को चोरी करने का काम करता है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के हवाले से लिखा गया कि कैलिफोर्निया के जिला न्यायाधीश लकी कोह (Lucy Koh) ने कहा कि Google ने Incognito मोड के जरिए प्राइवेट डेटा कलेक्ट करने को लेकर यूजर्स को सूचित नहीं किया है।
Incognito से डेटा चोरी की जानकारी छिपाने का आरोप
बता दें कि Google Chrome का Incognito मोड यूजर्स को एक विकल्प उपलब्ध कराता है, जहां यूजर्स ब्राउजर या किसी डिवाइस पर बिना एक्टिविटी को सेव करके इंटरनेट ब्राउज कर सकते हैं। Google ने अपनी सफाई में कहा कि जब भी नया Incognito मोड ओपन किया जाता है, तो कंपनी स्पष्ट तौर पर जानकारी देती है कि इस सत्र के दौरान आपकी ब्राउज़िंग गतिविधि की जानकारी को कलेक्ट किया जा सकता है।
Google के पास डेटा ट्रैकिंग का बड़ा बिजनेस
पिछले साल जून में भी अमेरिका में Chrome यूजर ने एक शिकायत दर्ज की ती, जिसमें आरोप लगाया गया था कि Google के पास बड़ा डेटा ट्रैकिंग बिजनेस है। उस वक्त ऐसा दावा किया गया था कि अगर यूजर अपनी प्राइवेट जानकारी को सुरक्षित के लिए कदम उठाता है, तो इसके बावजूद कंपनी यूजर के डेटा को कलेक्ट करती रहती है। Google की तरफ से अपने प्लेटफॉर्म से थर्ड पार्टी कूकीज को पहले ही Chrome ब्राउजर से हटाने का ऐलान किया गया है। Apple Safari और Mozilla Firefox से भी थर्ड पार्टी को हटा दिया गया है।