ISRO: चंद्रयान-3 का महत्वपूर्ण परीक्षण सफल, तीन दिन तक किया गया लैंडर का इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक इंटरफेरेंस टेस्ट
Chandrayaan 3 Test इसरो ने चंद्रयान-3 के लैंडर का इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक इंटरफेरेंस परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। परीक्षण 31 जनवरी से 2 फरवरी तक यू आर राव उपग्रह केंद्र में किया गया। सेटेलाइट बनाए जाने में यह परीक्षण काफी महत्वपूर्ण है।
By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Mon, 20 Feb 2023 04:54 AM (IST)
बेंगलुरू (पीटीआई)। चंद्रमा पर भारतीय मौजूदगी को पुख्ता करने के लिए 'चंद्रयान-3' मिशन में इसरो ने एक महत्वपूर्ण पड़ाव को पार किया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को जानकारी दी कि 'चंद्रयान-3' के लैंडर का इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक इंटरफेरेंस परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। यह परीक्षण 31 जनवरी से 2 फरवरी तक यू आर राव उपग्रह केंद्र में किया गया।
परीक्षण महत्वपूर्ण मील का पत्थर
अंतरिक्ष वातावरण में उपग्रह उप-प्रणालियों की कार्य क्षमता और अपेक्षित विद्युत चुंबकीय स्तरों से उनकी अनुकूलता सुनिश्चित करने के लिए उपग्रह मिशनों के लिए ईएमआई/ईएमसी परीक्षण आयोजित किया जाता है। सेटेलाइट बनाए जाने में यह परीक्षण महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
सभी सिस्टम संतोषजनक
अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और रोवर चंद्रयान-3 इंटरप्लेनेटरी मिशन के तीन प्रमुख मॉड्यूल हैं और मिशन की जटिलता के कारण यह जरूरी है कि मॉड्यूल्स के बीच रेडियो-फ्रीक्वेंसी (आरएफ) संचार लिंक स्थापित किए जाएं। चंद्रयान-3 लैंडर ईएमआई/ईसी परीक्षण के दौरान लॉन्चर संगतता, सभी आरएफ प्रणालियों के एंटीना ध्रुवीकरण, मिशन के ऑर्बिट और पावर्ड डिसेंट चरणों के लिए स्टैंड अलोन ऑटो संगतता परीक्षण और मिशन के लैंडिंग पश्चात चरण के लिए लैंडर और रोवर संगतता परीक्षण सुनिश्चित किए गए। सभी सिस्टम संतोषजनक थे।