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डिजिटल फुटप्रिंट को इंटरनेट से मिटाना होगा आसान, सुप्रीम कोर्ट कर रहा विचार

भारत की बात की जाए तो यहां ऐसा कोई कानून नहीं है जो राइट टु बी फॉरगॉटन का प्रावधान करता हो। हालांकि पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल (Personal Data Protection Bill) 2019 इस अधिकार को मान्यता देता है। भारत में डेटा प्रोटेक्शन बिल लागू है। जबकि दुनिया में ऐसे कई देश हैं जहां राइट टु बी फॉरगॉटन को मौलिक अधिकारों में रखा गया है।

By Shivani Kotnala Edited By: Shivani Kotnala Updated: Thu, 01 Aug 2024 07:00 PM (IST)
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इंटरनेट से प्राइवेट डेटा मिटाना भारत में होगा आसान?
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया में ऐसे कई देश हैं जहां, राइट टु बी फॉरगॉटन  को मौलिक अधिकारों में रखा गया है। यूरोपीय देशों में जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन के सेक्शन 17 में राइट टु बी फॉरगॉटन यानी भूलने के अधिकार को रखा गया है। जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन के आर्टिकल 17 के मुताबिक किसी व्यक्ति के निजी डेटा को इकट्ठा करने के बाद उसे मिटाया जाना जरूरी है। अगर कोई शख्स अपना निजी डेटा मिटाने के लिए कहता है तो संबंधित संगठन को इस डेटा को मिटाना ही होगा।

भारत में राइट टु बी फॉरगॉटन

वहीं अपने देश भारत की बात की जाए तो यहां ऐसा कोई कानून नहीं है जो भूल जाने के अधिकार का प्रावधान करता हो। हालांकि, पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल (Personal Data Protection Bill) 2019 इस अधिकार को मान्यता देता है। भारत में डेटा प्रोटेक्शन बिल लागू है। यह बिल व्यक्तियों के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा करता है। यह बिल 2019 में संसद में पेश किया गया था।

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सुप्रीम कोर्ट कर सकता है अब विचार

दरअसल, अब सुप्रीम कोर्ट इंटरनेट से जानकारियों को हटाने को लेकर विचार कर सकता है। ऐसा मद्रास हाई कोर्ट से जुड़े एक मामले को लेकर हो सकता है। यह मामला 2014 में एक व्यक्ति पर लगे रेप और धोखाधड़ी आरोपों से जुड़ा है। यह व्यक्ति ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता लेना चाहता था लेकिन एक ऑनलाइन पोर्टल पर छपे एक आर्टिकल में उसके नाम का जिक्र था, जिसकी वजह से व्यक्ति को ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता नहीं मिल पाई।

जबकि इन गंभीर आरोपों से व्यक्ति को बरी कर दिया गया था। ऐसे में इस व्यक्ति ने 2021 में मद्रास हाई कोर्ट का रूख किया। जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक आ पहुंचा है। सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ 'राइट टु बी फॉरगॉटन' यानी भूलने के अधिकार से जुड़े मसले पर विचार करने के लिए राजी हुई है।