सैटेलाइट बेस्ड ब्रॉडबैंड सर्विस के क्षेत्र में उतरी जियो, SES के साथ दूरदराज के क्षेत्रों में भी उपलब्ध कराएगी इंटरनेट
Jio Satellite Based Broadband Service जियो की तरफ से सैटेलाइट आधारित ब्रॉडबैंड सर्विस को लेकर बड़ी साझेदारी की गयी है। जियो ने SES के साथ ज्वाइंट वेंचर का ऐलान किया है जो भारत में सैटेलाइट के जरिए ब्रॉडबैंड सर्विस उपलब्ध कराएगा।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। Jio Join venture to SES: जियो प्लेटफॉर्म मिलिटेड (JPL) भारत की लीडिंग डिजिटल सर्विस प्रोवाडर कंपनी है। जियो ने भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड शुरु करने के लिए SES के साथ साझेदारी का ऐलान किया है। बता दें कि SES एक लीडिंग ग्लोबल सैटेलाइट बेस्ड कंटेंट कनेक्टिविटी सॉल्यूशन प्रोवाइडर है। जियो के साथ साझेदारी के बाद जियो और SES भारत में बेहद सस्ती दर पर ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी ऑफर करेंगी। इस साझेदारी में जियो की हिस्सेदारी 51 फीसदी होगी, जबकि SES के पास 49 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी।
क्या होगा खास
जियो की तरफ से SES के साथ मिलकर मल्टी आर्बिट स्पेस नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाएगा, जो कि जियो स्टेशनरी (GEO) और मीडियम अर्थ आर्बिट (MEO) का कॉम्बिनेशन होगा। यह कॉम्बिनेशन मल्टी गीगाबाइट लिंक उपलब्ध कराएगा। इस तरह जियो भारत और पड़ोसी क्षेत्र में बिना ऑप्टिकल फाइबर के फास्ट इंटरनेट कनेक्टिविटी देने वाला टेलिकॉम प्रोवाइडर बन जाएगा। जियो भारत समेत इंटरनेशनल एयरोनॉटिकल और मैरीटाइम कस्टमर को इंटरनेट सर्विस उपलब्ध कराएगा। जियो सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस 100 Gbps की दमदार स्पीड पर इंटरनेट सर्विस उपलब्ध कराएगी। मुकेश अंबानी की जियो भारत में SES के साझेदारी में भारत में व्यापक गेटवे इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करेगा। इस साझेदारी के तहत करीब 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 755 करोड़ रुपये) का निवेश किया जाएगा।
एलन मस्क को लगेगा जोरदार झटका
मुकेश अंबानी की कंपनी जियो की तरफ से सैटेलाइट बेस्ड ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के ऐलान से एलन मस्क (Elon Musk) को जोरदार झटका लग सकता है। दरअसल एलन मस्क की सैटेलाइट बेस्ड कनेक्टिविटी प्रोवाइडर कंपनी स्टारलिंक (Starlink) लंबे वक्त से भारत में एंट्री करने की कोशिश में है। हालांकि कुछ कानूनी पेंच फंसने की वजह से भारत सराकर ने स्टारलिंक सर्विस शुरू करने पर फिलहाल रोक लगा दी है। साथ ही स्टारलिंक कंपनी को ग्राहकों का पूरा पैसा वापस करनो का निर्देश दिया है। जिसे प्री-बुकिंग के नाम पर लिया गया था।