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Loksabha Elections 2024: मतदाताओं को लुभाने के लिए सियासी दलों का डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जोर, वॉट्सऐप से लेकर इंफ्लुएंसर तक का ले रहे सहारा

वॉट्सऐप (Whatsapp) यूजर्स के पास प्रधानमंत्री का पत्र भेजा गया है। जिसमें पार्टी की उपलब्धियों के बारे में बताया गया है और मतदाताओं से प्रतिक्रियाएं भी मांगी गई हैं। इसके अलावा पार्टी ने माई फर्स्ट वोट फॉर मोदी वेबसाइट लॉन्च की है जो वोटर्स को मोदी को वोट देने के पीछे कारण बताते हुए वीडियो अपलोड करने की परमिशन देती है।

By Yogesh Singh Edited By: Yogesh Singh Updated: Sun, 17 Mar 2024 07:53 PM (IST)
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वोटर्स को लुभाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सहारा ले रहे राजनीतिक दल

पीटीआई, नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha elections 2024) की तारीखों का एलान कर दिया है। आम चुनाव 7 चरणों में समाप्त होंगे। 19 अप्रैल से शुरू होकर 1 जून तक मतदान किया जाएगा। जबकि वोटों की गिनती 4 जून को होनी है।

चुनाव से पहले राजनीतिक दलों ने जमकर तैयारी कर ली है। इस डिजिटल युग में पार्टियां लोगों को प्रभावित करने के लिए सोशल मीडिया और वॉट्सऐप जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रही हैं। लोगों के वॉट्सऐप पर मैसेज भेजे जा रहे हैं।

500 मिलियन एक्टिव यूजर

वॉट्सऐप (Whatsapp) यूजर्स के पास प्रधानमंत्री का पत्र भेजा गया है। जिसमें पार्टी की उपलब्धियों के बारे में बताया गया है और मतदाताओं से प्रतिक्रियाएं भी मांगी गई हैं। इसके अलावा पार्टी ने 'माई फर्स्ट वोट फॉर मोदी' वेबसाइट लॉन्च की है, जो वोटर्स को मोदी को वोट देने के पीछे कारण बताते हुए वीडियो अपलोड करने की परमिशन देती है।

यानी मतदाता इस वेबसाइट पर मोदी सरकार के काम के बारे में बताते हुए शॉर्ट वीडियो अपलोड कर सकते हैं। बता दें वॉट्सऐप के पास 500 मिलियन से भी अधिक मंथली एक्टिव यूजर्स हैं।

संवाद का आसान तरीका सोशल प्लेटफॉर्म

वहीं बात विपक्षी दल कांग्रेस की करें तो पार्टी का वॉट्सऐप पर एक चैनल पर है जिसके 4 लाख 72 हजार फॉलोअर हैं। चुनाव आयोग के अध्यक्ष अमिताभ तिवारी ने कहा कि जिस भी राजनीतिक दल के बैनर तले अधिक वॉट्सऐप ग्रुप हैं वे वोटर्स के साथ तेजी और बेहतर ढ़ंग से संवाद कर सकते हैं और अपनी योजनाओं को पहुंचा सकते हैं। डिजिटल युग में सोशल प्लेटफॉर्म संवाद का आसान माध्यम बनकर उभरे हैं।

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की बढ़ी भूमिका

राजनीतिक दल युवा वर्ग पर खासा फोकस साधने का प्रयास कर रहे हैं। यही कारण है कि हाल के दिनों में देखा गया है कि नेताओं ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर (Social Media Influencer) के पास जाना शुरु किया है। अपनी बात रखने के लिए नेता यूट्यूब इन्फ्लुएंसर का सहारा ले रहे हैं। पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया के पोडकास्ट में कई नेताओं को देखा गया है। इनके 7 मिलियन से अधिक YouTube पर सब्सक्राइबर हैं।

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