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मेड इन इंडिया 5G की दुनिया में होगी धूम, चीनी दबदबे का होगा खात्मा

Made in India 5G दूरसंचार के लिए एक अच्छे विश्वसनीय और किफायती प्रौद्योगिकी स्त्रोत में पूरे विश्व समुदाय की बड़ी रुचि है क्योंकि दूरसंचार आज सभी डिजिटल सेवाओं की बुनियाद है। लोग एक विश्वसनीय दूरसंचार समाधान चाहते हैं।

By Saurabh VermaEdited By: Updated: Mon, 27 Jun 2022 09:08 AM (IST)
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Photo Credit - Made in India 5G

नई दिल्ली, पीटीआई। Made in India 5G: भारत में 5G स्पेक्ट्रम नीलामी की प्रक्रिया जल्द शुरू होने जा रही है। हालांकि इस बार भारत ने शुरूआत से ही 5G टेक्नोलॉजी में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के मामले में चीनी प्रोडक्ट से दूरी बना रखी है। भारत पूरी तरह से मेड इन इंडिया 5G टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है। दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि दुनियाभर के लोग विश्वसनीय दूरसंचार समाधानों की तलाश में हैं और कोई भी देश भरोसे के लिहाज से भारत की बराबरी नहीं कर सकता। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि टीसीएस-सीडाट के नेतृत्व वाले गठजोड़ द्वारा विकसित स्वदेशी 5जी तकनीक में वैश्विक सौदे हासिल करने की क्षमता है।

भरोसेमंद होगा मेड इन इंडिया 5G

एक साक्षात्कार में वैष्णव ने कहा कि सरकार स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकी उपकरणों पर आधारित बीएसएनएल नेटवर्क में 1.25 लाख मोबाइल साइटों को लगाने की योजना है।उन्होंने सेमीकंडक्टर चिप की कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उच्च प्रौद्योगिकी वाली इलेक्ट्रानिक चिप के लिए पहला परियोजना प्रस्ताव अगले कुछ महीनों में स्वीकृत हो जाएगा। उन्होंने कहा, 'हम अपने खुद के 5जी प्रौद्योगिकी ढांचे को विकसित करने पर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। दूरसंचार के लिए एक अच्छे विश्वसनीय और किफायती प्रौद्योगिकी स्त्रोत में पूरे विश्व समुदाय की बड़ी रुचि है, क्योंकि दूरसंचार आज सभी डिजिटल सेवाओं की बुनियाद है। लोग एक विश्वसनीय दूरसंचार समाधान चाहते हैं। आप जानते हैं कि कोई भी देश भरोसे के लिहाज से भारत की बराबरी नहीं कर सकता।'

चीनी उपकरण को किया प्रतिबंधित 

अमेरिका और यूरोपीय देशों की अगुआई में कई देशों ने चीनी कंपनियों के 5जी टेलीकाम उपकरणों को प्रतिबंधित कर दिया है। भारत ने भी स्थानीय नेटवर्क में विश्वसनीय दूरसंचार उपकरणों को मंजूरी देने के लिए एक व्यवस्था बनाई है। मंत्री ने कहा कि हाल ही में विकसित स्वदेशी 4जी प्रौद्योगिकी ढांचा अब तैयार है और इसे एक लाख से अधिक टावरों में लगाया जा सकता है।