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दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति एलन मस्क द्वारा ट्विटर की चिड़िया के मुक्त होने के मायने, एक्सपर्ट व्यू

संसार में इसके लगभग 40 करोड़ यूजर्स हैं जिनमें से लगभग ढाई करोड़ तो भारत में ही हैं। वर्तमान में महत्वपूर्ण समझे जाने वाले इस इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म के प्रबंधन में शीर्ष स्तर पर व्यापक परिवर्तन हुआ है।

By Jagran NewsEdited By: Sanjay PokhriyalUpdated: Wed, 02 Nov 2022 11:15 AM (IST)
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इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर का प्रसार आज विश्व के अधिकांश देशों तक हो चुका है
डा. शशांक द्विवेदी। इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म और डिजिटल स्पेस आज कितना महत्वपूर्ण हो गया है, ट्विटर डील से समूचे विश्व ने इसे जाना-समझा है। एलन मस्क ने ट्विटर का अधिग्रहण कर लिया है। ट्विटर का मालिक बनते ही दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति एलन मस्क ने ट्वीट कर कहा कि चिड़िया मुक्त हो गई (द बर्ड इज फ्रीड)। उनके इस ट्वीट के कई मायने लगाए जा रहे हैं।

मस्क ने कहा है कि वह इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर का अधिग्रहण मानवता की सहायता करने के लिए कर रहे हैं। साथ ही वह नहीं चाहते हैं कि इसका उपयोग ऐसे लोग करें जो बोलने से पहले उसके परिणामों के बारे में नहीं सोचते हैं। अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सिंक के साथ ट्विटर के कार्यालय में कदम रखने वाले मस्क ने संकेत दे दिया था कि वे बड़े बदलाव करने जा रहे हैं। ट्विटर का उपयोग करने के लिए अब पैसे भी देने पड़ सकते हैं।

नफरत फैलने का डर

ट्विटर की कई नीतियों में भी व्यापक परिवर्तन देखने को मिल सकता है। उल्लेखनीय है कि 13 अप्रैल को एलन मस्क ने ट्विटर को खरीदने का आफर दिया था। लेकिन तब स्पैम और फेक अकाउंट्स की वजह से उन्होंने उस डील को होल्ड पर रख दिया था। इसके बाद आठ जुलाई को मस्क ने डील तोड़ने का निर्णय भी लिया। ट्विटर ने मस्क के इस कदम का विरोध किया और वह मामला कोर्ट में लेकर गया। लेकिन फिर अक्टूबर के आरंभ में मस्क ने अपना रवैया बदला और डील को पूरा करने के लिए तैयार हो गए। इसी बीच अदालत ने 28 अक्टूबर तक डील पूरी करने का आदेश दिया था।

एलन मस्क ने उससे एक दिन पहले ही ट्विटर के दफ्तर पहुंचकर सभी को चौंका दिया। मस्क ने अपने ट्वीट में कहा, ‘हमने ट्विटर से डील इसलिए भी की है, ताकि आने वाली पीढ़ी को कामन डिजिटल स्पेस मिल सके। यहां कई विचारधारा के लोग किसी भी तरह की हिंसा के बिना स्वस्थ चर्चा कर सकें।’ दरअसल मस्क को इस बात की आशंका थी कि आगे चलकर यह इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म लेफ्ट और राइट विंग के समर्थकों के बीच बंट सकता है, जिससे नफरत फैलने का डर बना रहेगा।

असल में मस्क एक ऐसी एल्गोरिदम बनाना चाहते हैं जिससे ट्विटर पर मौजूद सार्वजनिक सामग्री बेहतर रूप में दिख सके। मस्क ट्विटर पर स्पैम बोट्स को हटाना चाहते हैं। हालांकि मस्क ने अभी तक अपनी इस कार्ययोजना को लेकर कोई खास जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है। मस्क के अनुसार, उन्होंने अधिक पैसा बनाने के लिए ट्विटर नहीं खरीदा, बल्कि मानवता की मदद करने की कोशिश करने के लिए यह सौदा किया है। मस्क ने कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पराग अग्रवाल, मुख्य वित्तीय अधिकारी नेड सेगल और कानूनी मामलों व नीति प्रमुख विजया गड्डे को बाहर का रास्ता दिखाया है।

मस्क ने आरोप लगाए हैं कि कई अधिकारियों ने उन्हें इस प्लेटफार्म पर फेक अकाउंट की संख्या को लेकर भ्रमित करने का प्रयास किया। खरीद का सौदा पूरा होने के बाद उन्हें बाहर कर दिया गया। पराग अग्रवाल को पिछले साल नवंबर में कंपनी के सह-संस्थापक जैक डोर्सी के इस्तीफे के बाद ट्विटर का सीईओ नियुक्त किया गया था।

वैचारिक चुनौती

असल में पिछले कुछ समय से विश्व धुर दक्षिणपंथी और वामपंथी धड़ों के बीच बंट गया है। मस्क ने कहा है कि सभ्यताओं के विकास के लिए एक साझा प्लेटफार्म का होना आवश्यक है, जहां हिंसा का सहारा लिए बिना स्वस्थ तरीके से सभी लोग अपनी बात रख सकें। वर्तमान में एक नए तरीके का खतरा उत्पन्न हो गया है। इंटरनेट मीडिया धुर दक्षिणपंथी और वामपंथी धड़ों में बंट गया है। दोनों तरह के अतिवादी विचार न केवल समाज को विभाजित करने का काम करते हैं, बल्कि घृणा भी फैलाते हैं। इन आशंकाओं के आलोक में भविष्य में कोई ऐसी परिस्थिति नहीं पैदा हो, लिहाजा उन्होंने कहा है कि वे ट्विटर को एक ऐसा प्लेटफार्म बनाना चाहते हैं, जहां पर सभी का स्वागत हो और सभी को अपनी बात रखने की पूर्ण स्वतंत्रता हो।

मस्क ने ट्विटर विज्ञापनदाताओं से कहा कि वह चाहते हैं कि ट्विटर विश्व का सबसे सम्मानित विज्ञापन मंच बने। भारत के कानूनों का पालन : ट्विटर के अधिग्रहण के बाद भारत के आईटी व सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि देश को उम्मीद है कि ट्विटर भारत में नए आइटी नियमों का पालन करेगा। उन्होंने कहा कि ट्विटर का मालिक बदलने की परवाह नहीं है। भारत में अपना कानून है, यहां सभी को कानून का पालन करना पड़ेगा। उन्होंने कुछ भारतीयों के ट्विटर अकाउंट प्रतिबंधित किए जाने के संबंध में कहा कि जल्द ही इस बारे में नया आइटी नियम लागू किया जाएगा, जिसका सभी को पालन करना पड़ेगा।

दरअसल जुलाई में भारत सरकार ने ट्विटर को कुछ आपत्तिजनक सामग्री हटाने के लिए कहा था, जिसे लेकर मामला कोर्ट में भी गया था। कोर्ट में ट्विटर के अधिकारी ने कुछ सामग्री हटाने पर सहमति भी जताई थी। पिछले दो वर्षों के दौरान भारत सरकार ने ट्विटर से स्वतंत्र सिख राज्य बनाने, तीन नए बनाए गए कृषि कानूनों (जिन्हें बाद में निरस्त कर दिया गया) के बारे में गलत सूचना फैलाने, कोविड महामारी से निपटने के लिए सरकार के प्रयासों को गलत अर्थों में फैलाने जैसे तथ्यों को हटाने का अनुरोध किया था। सरकार और ट्विटर के बीच काफी समय से कई मुद्दों पर टकराव जारी है, अब इस नए अधिग्रहण के बाद ट्विटर का क्या रवैया रहता है, यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा। इस डील के बाद ट्विटर पर वाम और दक्षिण के विचारों के बीच कैसे सामंजस्य बैठाया जाएगा, इस पर भी सबकी नजरें रहेंगी।

ब्लू टिक

मस्क ने ट्विटर की कमाई का माध्यम बढ़ाने के उद्देश्य से ब्लू टिक की चाहत वालों से इसके लिए शुल्क भी लिए जाने के संकेत दिए हैं। डालर में इसकी जो मासिक कीमत निर्धारित की गई है, उस हिसाब से भारत में इसके लिए लोगों को लगभग 1,600 रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं। वैसे भारत में बहुत से ब्लू टिक प्राप्त करने की चाहत रखने वालों और पहले ही यह दर्जा प्राप्त लोगों ने यह संकेत देना आरंभ कर दिया है कि वे इतनी रकम चुकाने का सामर्थ्य नहीं रखते हैं। ऐसे में आने वाले समय में इसका संचालन किस प्रकार से होगा, यह भी देखना दिलचस्प रहेगा।

[डायरेक्टर, मेवाड़ यूनिवर्सिटी]