Elon Musk Vs Zuckerberg: दिमाग में चिप लगाने की जरूरत नहीं, Meta ला रहा Smart Wristband, बस सोचिए और होने लगेगा टाइप
Neural Wristband को पहली बार 2021 में पेश किया गया था। यह अनोखा डिवाइस यूजर्स को बिना किसी फिजिकल एक्टिविटी के केवल सोचकर ही टाइप करने की अनुमति देगा। मेटा का यह रिस्टबैंड न्यूरल नॉन इनवेसिव तकनीक का उपयोग करता है जिसे इलेक्ट्रोमोग्राफी (EMG) के रूप में जाना जाता है। इसको आगामी समय में पेश किया जा सकता है। आइए इसके बारे में जान लेते हैं।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। कुछ दिनों पहले एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक ने इंसानी दिमाग में चिप लगाई थी। दिमाग में चिप लगाने वाले पेशेंट को लेकर अपडेट देते हुए मस्क ने बताया था कि वह सिर्फ सोचकर ही कम्प्यूटर के माउस को कंट्रोल कर पा रहा है। अब फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा ने ऐसा स्मार्ट रिस्टबैंड पेश किया है, जो यूजर के सिर्फ सोचने पर ही टाइप करेगा।
न्यूरल नॉन इनवेसिव टेक्नोलॉजी
मेटा के इस रिस्टबैंड न्यूरल नॉन इनवेसिव टेक्नलॉजी का यूज किया गया है, जिसे इलेक्ट्रोमोग्राफी (EMG) के रूप में जाना जाता है। यह टेक्नोलॉजी रिस्टबैंड नियंत्रक आपको केवल सोच कर टाइप करने की परमिशन देता है।
यह केवल माउस या गेम कंट्रोलर को हिलाने में आपकी मदद करने वाला एक फैंसी उपकरण नहीं है। इस अनोखे डिवाइस को देखकर लगता है कि मेटा इस प्रोडक्ट को लेकर आगामी समय में बहुत नया पेश करने वाली है।
2021 में हुआ था पेश
बता दें मार्क जुकरबर्ग के मेटा ने इसे 2021 में एक एक्सपेरिमेंटल प्रोटोटाइप के रूप में पेश किया था, जुकरबर्ग ने मॉर्निंग ब्रू डेली पॉडकास्ट के साथ अपने हालिया साक्षात्कार में कहा कि वह इस तकनीक को यूजर्स तक लाने पर काम कर रहे हैं। इसे हम जल्द ही सबके सामने लाएंगे।ये भी पढ़ें- सिर्फ सोचकर कंप्यूटर माउस को कंट्रोल कर पा रहा है पेशेंट, न्यूरालिंक को लेकर एलन मस्क का बड़ा दावा