इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्रालय के नियम: ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर और गेमर्स के लिए टर्निंग प्वाइंट?
इंडस्ट्री से जुड़े रिसर्च के अनुमानों के मुताबिक ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री 150000 करोड़ रुपये की है और 2025 तक इसके दोगुना होने की उम्मीद है। ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को MEITY (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) के अंतर्गत लाया गया।
By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Fri, 10 Feb 2023 09:05 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। वर्ष 2023 ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के लिए एक नया सबेरा लेकर आया है। भारत सरकार ने नागरिकों के हितों की रक्षा करने और इंडस्ट्री का सम्पूर्ण विकास सुनिश्चित करने हेतु इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को नोडल मंत्रालय के रूप में नियुक्त किया है। संवैधानिक संचालन को लेकर कई मुद्दों से जूझ रहे ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के लिए यह एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है। ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र को स्पष्टता और निश्चितता प्रदान करने हेतु यह एक सकारात्मक संकेत है।
इंडस्ट्री से जुड़े रिसर्च के अनुमानों के मुताबिक ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री 150,000 करोड़ रुपये की है और 2025 तक इसके दोगुना होने की उम्मीद है। ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को MEITY (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) के अंतर्गत लाया गया और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, श्री राजीव चंद्रशेखर ने इस क्षेत्र को रेगुलेट करने के लिए नियमों के एक ड्राफ्ट की घोषणा की है।पिछले कई महीनों से, इंडस्ट्री से जुड़ी कंपनियां एवं संगठन विभिन्न रेगुलेटरी बॉडी के निर्माण की बात करते रहे थे और यह बताने का प्रयास कर रहे थे कि इसके चलते इंडस्ट्री की प्रगति में बाधा पहुंच रही है। नोडल मंत्रालय के रूप में MEITY (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) की नियुक्ति ने राष्ट्रीय स्तर पर रेगुलेटरी बॉडी के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया है।
जिम्मेदारीपूर्ण गेमिंग और जवाबदेही ऐसे दो प्रमुख स्तंभ हैं जिन्हें ध्यान में रखते हुए MEITY (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) ने Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Rules, 2021 में संशोधन के तौर पर ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के कानूनी रूप से संचालन के लिए ब्लूप्रिंट पेश किए हैं। ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को मध्यस्थ के रूप में परिभाषित किया गया है और केंद्र को साफ तौर पर ऑनलाइन गेमिंग के गवर्निंग अथॉरिटी के रूप में चिह्नित किया गया है। लेकिन मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों के अर्थ क्या हैं?
प्रस्तावित नियमों में सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी के गठन का प्रावधान है। जिसके पास गेम्स को मंजूरी देने की जिम्मेदारी होगी। ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए इस सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी के यहाँ अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराने का प्रस्ताव है। इसमें एक अतिरिक्त आदेश है कि कंपनियों को खेलों के परिणाम पर किसी भी जुआ, सट्टेबाजी या दांव लगाने वाली गतिविधि में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इनोवेशन और इंडस्ट्री के विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, यह प्रस्तावित है कि इस सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी में पब्लिक पॉलिसी, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, साइकोलॉजी और मेडिकल जैसे विविध क्षेत्रों से जुड़ा एक निदेशक मंडल हो ताकि ऑनलाइन गेमिंग के लिए संचालन की अनुमति देने में उपभोक्ता या आम लोगों के हित को सर्वोपरि महत्व दिया जा सके। कंटेंट से जुड़े इस नियम में इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि देश के सक्रिय गेमर्स में 40-45% महिलाएं हों, जिससे कि सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा बन सके।
उपयोगकर्ताओं को संभावित नुकसान से बचाने के लिए व्यवस्थित तंत्र स्थापित करने के प्रयास में, उपयुक्त मानदंड व नियम प्रस्तुत किए गए हैं। ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को आरबीआई द्वारा निर्देशित किए गए मानदंडों के आधार पर सभी उपयोगकर्ताओं का केवाईसी (नो योर कस्टमर) करना आवश्यक होगा। लेन-देन की पारदर्शिता एक अन्य मानदंड है जिसे पैसे के ट्रांजैक्शन को ध्यान में रखते हुए ड्राफ्ट नियमों को अनिवार्य बनाया गया है, जिसमें जीती गयी राशि या वस्तु को उपयोगकर्ता तक पहुंचाना भी शामिल है।
इन नियमों में उपयोगकर्ताओं को खेल की लत और आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए अनिवार्य रूप से जिम्मेदारीपूर्ण गेमिंग उपाय भी बताए गए हैं। ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के संचालन के हर पहलू को ध्यान में रखते हुए, ये नियम एक मजबूत शिकायत निवारण प्रणाली का भी प्रावधान प्रदान करते हैं, जिसमें अनुपालन अधिकारी, सरकार और निगरानी करने वाली प्रवर्तन एजेंसियों से सीधे संपर्क की क्षमता में नोडल अधिकारी और उपयोगकर्ताओं की शिकायतों के समाधान के लिए शिकायत अधिकारी की अनिवार्य रूप से नियुक्त करना शामिल है।
सरोगेट एडवर्टाइजिंग के द्वारा ग्राहकों को लुभाने वाली अवैध विदेशी और घरेलू सट्टेबाजी, जुएबाजी वाली साइट्स को देखते हुए, उनका प्रभाव कम करने के लिए रेगुलेटेड जगहों में ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए जिम्मेदारीपूर्ण विज्ञापन को बढ़ावा देने का प्रयास भी किया जाना चाहिए। सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा पूर्व में दी गई सलाह पर एएससीआई (ASCI) द्वारा दिशानिर्देश प्रस्तावित किए गए थे।
सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि इन विज्ञापनों में आयु प्रतिबंधों, वित्तीय जोखिमों एवं आदत पड़ने के अन्य जोखिमों से जुड़े डिस्क्लेमर के संबंध में इन दिशा-निर्देशों का अनुपालन हो, और आय के अवसर के रूप में खेलों में भागीदारी को बढ़ावा न देकर इन पर प्रतिबंध लगे ताकि उपयोगकर्ताओं को देश के बाहर से संचालित हो रही साइट्स की ओर आकर्षित होने से रोका जा सके।माता-पिता, छात्रों, निवेशकों, गेमिंग कंपनियों सहित विभिन्न हितधारकों द्वारा उठाई गई चिंताओं को देखते हुए ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र के रेगुलेशन पर भारत सरकार की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है। यह इस क्षेत्र को एक रेगुलेटरी बॉडी के तहत लाने की दिशा में पहला कदम है और ऑनलाइन गेमिंग जैसे आधुनिक उद्योगों के जिम्मेदारीपूर्ण और जवाबदेह तरीके से विकास को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।