आप भी स्मार्टफोन पर सुनते हैं तेज म्यूजिक, 1 अरब से ज्यादा लोगों के हो सकते हैं कान खराब
WHO और इंटरनेशनल टेलिकॉम्युनिकेशन यूनियन ने ऑडियो सुनने वाले यूजर्स के लिए बाइंडिंग इंटरनेशनल स्टैंडर्ड यानी मापदंड जारी किए हैं
By Shilpa Srivastava Edited By: Updated: Thu, 14 Feb 2019 05:45 PM (IST)
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। स्मार्टफोन का इस्तेमाल आज के समय में बहुत ज्यादा किया जाने लगा है। वैसे तो इससे काफी काम आसानी से किए जा सकते हैं। लेकिन स्मार्टफोन के कई नुकसान भी हैं। UN हेल्थ एजेंसी ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि दुनियाभर में करीब 1 अरब से अधिक लोगों के कान स्मार्टफोन और ऑडियो डिवाइस का इस्तेमाल करने से खराब हो जाते हैं। इसके लिए UN ने नए सेफ्टी मापदंड का प्रस्ताव रखा था जिसके बाद WHO और इंटरनेशनल टेलिकॉम्युनिकेशन यूनियन ने ऑडियो सुनने वाले यूजर्स के लिए बाइंडिंग इंटरनेशनल स्टैंडर्ड यानी मापदंड जारी किए हैं।
New international standard from WHO and @ITU for personal audio devices - including smartphones and audio players - to make them safer for listening https://t.co/l0aB43gGxt #SafeListening pic.twitter.com/gcqo9UCsDF
— World Health Organization (WHO) (@WHO) February 12, 2019
युवाओं को है ज्यादा खतरा:UN हेल्थ एजेंसी का कहना है कि 12 से 35 वर्ष के बीच के लोग स्मार्टफोन और ऑडियो डिवाइस का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं। इस वर्ग के करीब 1.1 अरब युवाओं पर कान खराब होने का खतरा बना हुई है। WHO चीफ Tedros Adhanom Ghebreyesus कहा कि इस बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी होती है। साथ ही इससे बचने के तरीकों को भी लोग नहीं जानते हैं। उनके मुताबिक, कई युवाओं के कान तेज साउंड के चलते खराब हो चुके हैं। यह एक ऐसी बिमारी है जिसमें सुनने की क्षमता को वापस हासिल नहीं किया जा सकता है।
WHO की टेक्नीकल ऑफिसर शैली चड्डा ने कहा, “अपनी डिवाइसेज के जरिए लाखों करोड़ों लोग तेज आवाज में म्यूजिक सुनते हैं। ऐसा करना व्यक्ति के कान को खराब कर सकता है। इसके चलते हमने एक प्रस्ताव रखा है। इसमें स्मार्टफोन एक स्पीडोमीटर के साथ आएगा। इसमें माप प्रणाली होती है जो आपको यह बताती है कि आपको कितनी साउंड मिल रही है। साथ ही अगर आप लिमिट से बाहर जाकर साउंड को बढ़ा देते हैं तो आपको उसकी भी जानकारी देती हैं।”
The WHO-@ITU #SafeListening standard recommends that personal audio devices include “sound allowance” function: software that tracks the level and duration of the user’s exposure to sound https://t.co/l0aB42Z5FV pic.twitter.com/bWIGD40yXK
— World Health Organization (WHO) (@WHO) February 12, 2019
UN ने जो प्रस्ताव रखा है उसमें पैरेंटल कंट्रोल वॉल्यूम सिस्टम भी मौजूद है। इसके अलावा इन गाइडलाइन्स में एक ऐसी तकनीक की भी बात की गई है जिसमे यूजर की व्यक्तिगत प्रोफाइल तैयार की जाएगी। यहां इस बात की मॉनिटरिंग की जाएगी कि लोग अपने ऑडियो डिवाइस का कितना उपयोग करते हैं, फिर उन्हें यह बताया जाएगा कि वे कितने सुरक्षित हैं।
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