National Technology Day 2023: अटल बिहारी वाजपेयी और एपीजे अब्दुल कलाम से जुड़ा है टेक्नोलॉजी डे का इतिहास
2023 National Technology Day History and Significance 11 मई को हर साल देश में टेक्नोलॉजी डे मनाया जाता है। टेक्नोलॉजी डे के इतिहास से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और एपीजे अब्दुल कलाम से जुड़ा है। (फोटो- जागरण)
By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Tue, 09 May 2023 09:48 AM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। भारत में 11 मई का दिन टेक्नोलॉजी के नाम रहता है। यह दिन National Technology Day 2023 के रूप में मनाया जाता है। देश में टेक्नोलॉजी डे का जिक्र पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम के साथ होता है। आखिर टेक्नोलॉजी डे क्यों मनाया जाता है, इसका इतिहास क्या है और यह दिन किन मायनों में खास है, इस आर्टिकल में सभी बातों को जानने की कोशिश करेंगे-
National Technology Day का इतिहास
National Technology Day के इतिहास पर नजर डालें तो 11 मई, 1999 में पहली बार इन दिन को मनाया गया था। नेशनल टेक्नोलॉजी डे को काउंसिल फॉर टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट द्वारा मनाया गया था। उस दौरान देश के प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी थे।
यह दिन पांच पोखरण न्यूक्लियर टेस्ट को भी समर्पित है। साल 1998 में इसी दिन देश की आर्मी विंग ने इस टेस्ट को सफलतापूर्वक पूरा किया था। इसी के साथ टेक्नोलॉजी के अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े लोगों की उपलब्धियों के लिए इस दिन को खास माना जाता है।
एपीजे अब्दुल कलाम ने संभाली थी न्यूक्लियर टेस्ट की कमान
साल 1998 में भारतीय सेना ने पोखरण टेस्ट रेंज में एक साथ पांच विस्फोटों को करने में बड़ी सफलता हासिल की थी। 1974 के पहले न्यूक्लियर टेस्ट 'स्माइलिंग बुद्धा' के बाद यह भारत का दूसरा बड़ा न्यूक्लियर टेस्ट था, इस टेस्ट का कोड नेम ऑपरेशन शक्ति था।इतना ही नहीं,पोखरण न्यूक्लियर टेस्ट को लीड करने के रूप में भारत के मिसाइल मैन यानी देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।टेक्नोलॉजी में साल 1998 में भारत के हाथ लगी बड़ी सफलता का जश्न ही हर साल देश में टेक्नोलॉजी डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाए जाने का एलान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था।