ISRO ने लॉन्च किया NVS-01 नेविगेशन सैटेलाइट, किन मायनों में खास होगा NavIC का नया अवतार
देश में आज नाविक के नेक्स्ट जनरेशन के पहले सैटेलाइट NVS-01 को लॉन्च किया जा चुका है। NVS-01 परमाणु घड़ी से लैस सैटेलाइट है। भारत के लिए यह सैटेलाइट किन मायनों में खास होगा यहां जानने की कोशिश कर रहे हैं।
By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Mon, 29 May 2023 12:24 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने स्पेस के लिए नाविक सीरीज में नेक्स्ट जनरेशन सैटेलाइट को लॉन्च कर दिया है। NavIC का पूरा नाम Navigation with Indian Constellation है। श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 2,232 किलोग्राम का यह GSLV सैटेलाइट उड़ान भर चुका है। इसरो द्वारा लॉन्च यह सैटेलाइट गूगल मैप से कई मायनों में बेहतर माना जा रहा है। नाविक पृथ्वी के ऑर्बिट में सात सैटेलाइट का एक ग्रुप है।
मैप के लिए गूगल और एपल की जरूरत कैसे खत्म होगी?
नाविक के लॉन्च के बाद से ही जीपीएस पर काम करने वाली सुविधाओं जैसे गूगल मैप और एपल मैप की जरूरत कुछ कम हो जाएगी।
हालांकि, गूगल और एपल की जीपीएस सेवाएं यूजर के लिए फ्री में उपलब्ध हैं, बावजूद इसके ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम में नाविक भारत का सैटेलाइट के रूप में एंट्री कर चुका है। ऐसे में भारतीय यूजर्स को अब दूसरे देशों पर जीपीएस सेवाओं के लिए निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
मजबूत सैटेलाइट सिस्टम देश के लिए कितना होगा खास?
नाविक सैटेलाइट लॉन्च होने के साथ ही भारत को एक मजबूत सैटेलाइट सिस्टम मिल गया है। दरअसल इस सिस्मट को सिविल एविएशन सेक्टर की जरूरतों को देखते हुए डेवलप किया गया है। यह नेटवर्क भारत की सीमाओं के बाहर 1500 किलोमीटर तक के एरिया को कवर करता है। इस सैटेलाइट सिस्टम की मदद से भारत के पड़ोसी देशों को जीपीएस सिस्टम का फायदा मिलेगा।इस के साथ ही भारत में आंतकवाद वाले इलाकों के सर्वे और मॉनिटरिंग के लिए भी यह लोकेशन बेस्ड सर्विस देश की सैन्य ताकतों को बल देने का काम करेगी। इस सर्विस का इस्तेमाल साइंटिफिक रिसर्च के लिए मददगार होगा।