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सिर्फ सोचकर कंप्यूटर माउस को कंट्रोल कर पा रहा है पेशेंट, न्यूरालिंक को लेकर एलन मस्क का बड़ा दावा

एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक ने बीते दिनों इंसान के दिमाग में चिप लगाई थी। अब इसे लेकर उन्होंने अपडेट दिया है जिसके दिमाग में चिप लगाई गई थी वह ठीक है। एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर उन्होंने बताया कि वह सोच कर माउस चलाने में सक्षम है। न्यूरालिंक के इस चिप का नाम टेलीपैथी है जो दिमाग की कोशिकाओं से कनेक्ट होता है।

By Agency Edited By: Subhash Gariya Updated: Tue, 20 Feb 2024 07:13 PM (IST)
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एलन मस्क ने बताया, रिकवर कर रहा है न्यूरालिंक चिप लगवाने वाला पेशेंट।
आइएएनएस, नई दिल्ली। दिमाग में चिप लगा दुनिया का पहला इंसान केवल सोच कर कम्प्यूटर चला रहा है। न्यूरालिंक कंपनी के संस्थापक और अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने कहा है कि जिस व्यक्ति के दिमाग में न्यूरालिंक कंपनी की ब्रेन चिप लगाई गई है वह केवल सोच कर स्क्रीन के चारों ओर कम्प्यूटर माउस चलाने में सक्षम है।

मरीज पूरी तरह ठीक

एलन मस्क ने एक्स पर कहा, प्रगति अच्छी है। लगता है कि मरीज पूरी तरह ठीक हो गया है। मस्क ने यह भी कहा कि न्यूरालिंक अब उस व्यक्ति से यथासंभव अधिक से अधिक माउस बटन क्लिक कराने का प्रयास कर रही है।

मानव परीक्षण की मंजूरी

  • पिछले साल सितंबर में मानव परीक्षण की मंजूरी के बाद कंपनी ने पिछले महीने पहली बार इंसान के दिमाग में चिप लगाई थी।
  • इसका मकसद न्यूरान संबंधित बीमारी से पीड़ित लोगों के जीवन को आसान मकसद बनाना है।
  • न्यूरालिंक के इस चिप का नाम टेलीपैथी है। चिप को दिमाग की कोशिका से सीधे संकेत प्राप्त कर ब्लूटूथ के माध्यम से उपकरणों तक जानकारी रिले करने के लिए डिजाइन किया गया है।
  • इस बारे में जानकारी नहीं दी कि किस व्यक्ति के दिमाग में चिप लगाई गई है। किस जगह पर सर्जरी की गई यह जानकारी भी नहीं दी गई है।
  • न्यूरालिंक ब्रेन चिप इंटरफेस बनाने का काम करती है। इस प्रयोग का मकसद पक्षाघात और तंत्रिका तंत्र या नर्वस सिस्टम (न्यूरान) संबंधित बीमारी से पीडि़त लोगों के जीवन को आसान बनाना है।
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सिक्के के आकार का है न्यूरालिंक का उपकरण

न्यूरालिंक का उपकरण बड़े सिक्के के आकार का है। इसे खोपड़ी में प्रत्यारोपित करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें अत्यधिक पतली तार सीधे मस्तिष्क में जाती हैं।

न्यूरालिंक ने सितंबर में कहा था कि तारों को सर्जरी द्वारा मस्तिष्क के उस हिस्से में लगाया जाएगा जो गतिविधियों को नियंत्रित करता है। इसका मकसद यह है कि लोग केवल सोचकर कंप्यूटर चला सकें।

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