ATM UPI Service Affected: एक अटैक और गड़बड़ा गया 300 से ज्यादा बैंकों का सिस्टम, Ransomware कितना घातक?
इस हफ्ते की शुरुआत में Ransomware Attack से लगभग 300 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों के ग्राहकों को NEFT या UPI और ATM निकासी के माध्यम से फंड ट्रांसफर करने जैसी सर्विसें प्रभावित रही थीं। लेकिन अब इस परेशानी को ठीक कर दिया गया है। सभी सर्विस पहले की तरह ही सुचारू रूप से काम कर रही हैं। इससे वित्तीय नुकसान नहीं हुआ है।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने कहा कि इस सप्ताह की शुरुआत में पेमेंट सर्विस में आई परेशानी को ठीक कर दिया गया है। रैनसमवेयर अटैक के कारण तमाम बैंकों की यूपीआई और एटीएम सर्विस प्रभावित हो गई थी। सिक्योरिटी ब्रीच के कारण भारत में कई छोटे बैंकों के भुगतान सिस्टम अस्थायी रूप से बंद हो गए।
लगभग 300 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों के ग्राहकों को NEFT या UPI और ATM निकासी के माध्यम से फंड ट्रांसफर जैसी जरूरी सेवाओं का इस्तेमाल करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ये सब रेनसमवेयर अटैक के कारण हुआ था। हालांकि, अब इस परेशानी को दुरुस्त कर लिया गया है।
फिर बहाल हुई पेमेंट सर्विस
X पर साझा किए गए एक अपडेट में NPCI ने कहा कि C-Edge Technologies के साथ संपर्क फिर से स्थापित हो गया है। पेमेंट सिस्टम में आई खामियों को दूर कर लिया गया है। सभी सर्विस पहले की तरह ही सुचारू रूप से काम कर रही हैं। सी-एज, एसबीआई और टीसीएस के बीच एक जॉइंट वेचंर है, जो सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को सर्विस प्रदान करता है, जो इस उल्लंघन से प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों ने कहा कि अन्य बैंकिंग सेवाएं अप्रभावित रहीं।रैनसमवेयर अटैक से आई परेशानी
एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि सिस्टम के भीतर एक रैनसमवेयर का पता चला था और उसे अलग कर दिया गया था, अधिकारी ने बताया कि प्रभावित बैंक देश में कुल भुगतान प्रणाली की मात्रा का 1 प्रतिशत से भी कम प्रतिनिधित्व करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, घटना के बावजूद कोई वित्तीय नुकसान नहीं हुआ है। चूंकि, परेशानी को लेकर तत्काल प्रभाव से काम शुरू कर दिया गया, इसलिए इससे ज्यादा दिक्कत नहीं हुई।Ransomware अटैक क्या होता है?
रैनसमवेयर एक तरह का मालवेयर है, जो यूजर या किसी ऑर्गेनाइजेशन पर अटैक करके उनके कंप्यूटर पर फाइलों के एक्सेस को रोक देता है। ये उन फाइलों को एन्क्रिप्ट करता है और फिर डिक्रिप्शन की के लिए फिरौती यानी रेनसम की मांग करता हैं इसलिए इसे रैनसमवेयर नाम दिया गया है। अपने जरूरी डाटा को हासिल करने के लिए लोग या कोई कंपनी पैसे देने को तैयार हो जाती है। जिस कारण ये खतरा दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। इस अटैक के जरिये ज्यादातर संस्थानों को निशाना बनाया जाता है।
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