अब बिना बॉयोमैट्रिक डाटा शेयर किए ही हो जाएगा Aadhar वेरिफिकेशन, जानें कैसे करेगा काम
ब आधार कार्ड के लिए ऑफलाइन वेरिफिकेशन टूल का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए UIDAI और सरकार अब लोगों से QR कोड्स और पेपरलेस KYC फार्म भरवाने पर विचार कर रही है
By Harshit HarshEdited By: Updated: Thu, 04 Oct 2018 07:30 PM (IST)
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। पिछले सप्ताह माननीय सुप्रीम कोर्ट के आधार कार्ड पर दिए गए फैसले के बाद से UIDAI ने यूजर्स के डाटा प्रिवेसी (निजता) संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए आधार वेरिफिकेशन के तरीकों में बदलाव करने का फैसला किया है। अब आधार कार्ड के लिए ऑफलाइन वेरिफिकेशन टूल का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए UIDAI और सरकार अब लोगों से QR कोड्स और पेपरलेस KYC फार्म भरवाने पर विचार कर रही है। इसके बाद से UIDAI के सर्वर का इस्तेमाल बंद हो जाएगा और आधार कार्ड के लिए बॉयोमैट्रिक वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं होगी।
इस नई प्रक्रिया के लागू होने के बाद से किसी भी आधार कार्ड धारक को अपना आधार नंबर बताने की जरूरत नहीं होगी। इससे आधार कार्ड धारकी की निजता पर कोई खतरा नहीं रहेगा और यूजर्स का नाम, पता, उम्र आदि की जानकारी किसी भी सर्विस प्रोवाइडर के पास स्टोर नहीं किया जा सकेगा और ऑफलाइन केवाईसी की जा सकेगी। सर्विस प्रोवाइडर्स के अलावा सरकारी संस्थाओं से जारी डॉक्यूमेंट्स ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, पहचान पत्र और पैन कार्ड को भी ऑफलाइन आधार से लिंक किया जा सकेगा।
आपको बता दें कि आधार कार्ड के इन QR कोड्स को यूआईडीएआई के आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड या प्रिंट किया जा सकेगा। सर्विस प्रोवाइडर भी QR कोड्स रीडर को डाउनलोड कर सकेंगे। यूआईडीएआई इसके लिए पेपरलेस eKYC उपलब्ध कराएगी, जिसे लैपटॉप या मोबाइल फोन में स्टोर किया जा सकेगा। जैसे ही सर्विस प्रोवाइडर के पास जरूरी सॉफ्टवेयर आएगा, यूजर्स इसके बाद अपनी आईडी से जिप फाइल शेयर कर अपनी जानकारी सर्विस प्रोवाइडर से साझा कर सकेंगे।
QR कोड्स ऑप्शन इस तरह करता है काम
- आधार प्रिंट आउट्स से 3 QR कोड्स को ऑफलाइन वेरिफिकेशन के लिए जारी किया जाएगा। इनमें से दो में डेमोग्राफिक जानकारी और फोटो होंगे और एक में केवल डेमोग्राफिक्स होगा। QR कोड्स टैम्पर प्रुफ होंगे साथ ही आधार कार्ड का नंबर रिवील नहीं हो सकेगा।
- QR कोड्स को आप आधार की आधिकारिक वेबसाइट से डाउलनोड कर सकेंगे। इसके बाद आपको इसे सर्विस प्रोवाइडर को देना होगा। सर्विर प्रोवाइडर इसके बाद QR कोड्स स्कैनर डाउलोड करेंगे और वेरिफिकेशन प्रोसेस को पूरा करेंगे।
- QR कोड्स वेरिफिकेशन सेवा शुरू होने से किसी भी तरह की बॉयोमैट्रिक वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं होगी।
- QR कोड्स वेरिफिकेशन से आधार के डाटा के लीक होने से लेकर फोटोशॉप करने फ्रॉड करने का खतरा भी समाप्त हो जाएगा।
- आधार से जारी ऑपलाइन eKYC एक तरह का सुरक्षित डॉक्यूमेंट है जिसमें आपकी उतनी ही जानकारी होती है जितनी आप चाहते हैं। इसमें आपके नाम, पता, जन्मतिथि, लिंग, मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी और फोटो के विकल्प मौजूद होंगे।
- इसे ऑफलाइन वेरिफाई किया जा सकेगा और इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सर्विस प्रोवाइडर को ट्रांसफर किया जा सकेगा। जो कि किसी इलेक्ट्रॉनिक या प्रिंटेड फार्म में शेयर किया जा सकेगा जो कि अन्य आईडी के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित है।
- इन दोनों ही QR कोड्स और पेपरलेस eKYC का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें किसी भी तरह के बॉयोमैट्रिक और UIDAI सर्वर के जरिए ऑथेंटिकेशन के साथ ही डाटा लीक का खतरा नहीं रहता है।