Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Barcode History: पहली बार च्वीइंगम के पैकेट में इस्तेमाल हुआ था बारकोड, आज ही के दिन 50 साल पहले हुआ था स्कैन

हर दूसरे सामान के पैकेजिंग पर गौर करें तो प्रोडक्ट की जानकारियों के साथ एक बार कोड भी नजर आता है। क्या आप जानते हैं बार कोड का पहली बार कब इस्तेमाल हुआ था? बार कोड पहली बार आज से 50 साल पहले इस्तेमाल हुआ था। बार कोड को च्वीइंगम के पैकेट के लिए पहली बार इस्तेमाल किया गया था।

By Shivani Kotnala Edited By: Shivani Kotnala Updated: Wed, 26 Jun 2024 01:00 PM (IST)
Hero Image
च्वीइंगम के पैकेट के लिए हुआ था पहली बार Barcode का इस्तेमाल

टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। आज से ठीक 50 साल पहले 26 जून, 1974 को पहला यूनिवर्सल प्रोडक्ट कोड स्कैन किया गया था। पहला यूनिवर्सल प्रोडक्ट कोड ओहियो के ट्रॉय में मार्श सुपरमार्केट में स्कैन किया गया था।

बार कोड को स्कैन कर च्वीइंगम का पैकेट खरीदा गया था। यहीं से रिटेल और सप्लाई चेन ऑटोमेशन क्रांति की शुरुआत हुई।

हालांकि, बारकोड का आविष्कार नॉर्मन जोसेफ वुडलैंड और बर्नार्ड सिल्वर ने 1949 में किया था। लेकिन, 3 अप्रैल 1973 तक यूनिवर्सल प्रोडक्ट कोड बारकोड को संयुक्त राज्य अमेरिका में रिटेल स्टोर में इस्तेमाल के लिए मानक के रूप में अपनाया नहीं गया था।

क्या होता है बार कोड

सबसे पहले यही समझते हैं कि बारकोड क्या होता है। बारकोड नंबर और लाइन के फॉर्मेट में होता है। इस कोड को मशीन से रीड किया जाता है।

जैसे ही मशीन से इस कोड को स्कैन किया जाता है। कोड के पीछे छुपी सारी जानकारियां सामने आ जाती हैं।

दरअसल, बारकोड किसी प्रोडक्ट के साथ देखा जाता है। किसी भी प्रोडक्ट पर यह कोड स्कैन करने के साथ प्रोडक्ट को लेकर सारी जानकारियां दे देता है।

व्यवसायों के लिए प्रोडक्ट पर बना यह बार कोड आज के समय में बहुत जरूरी हो गया है। बार कोड के साथ प्रोडक्ट को लेकर कई दूसरी तरह की जानकारी भी ट्रैक की जा सकती है।

बारकोड बनाने का तरीका भी है आसान

आज के समय में घर बैठे कुछ स्टेप्स को फॉलो कर आसानी से बार कोड क्रिएट किया जा सकता है। एक बार अगर आप यह तय कर लें कि किस तरह के बारकोड की जरूरत है और इसके लिए डेटा तैयार रखें तो यह काम आसान है।

  1. बारकोड बनाने के लिए सबसे पहले आपको बारकोड जनरेटर की जरूरत होगी। इंटरनेट का इस्तेमाल कर ऑनलाइन कई तरह के बारकोड जनरेटर पाए जा सकते हैं। आप बारकोड्स इंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  2. बारकोड बनाने के लिए दूसरा काम डेटा से जुड़ा है। जिस प्रोडक्ट के लिए बार कोड बनाना चाह रहे हैं, उससी जुड़ी जानकारियां जैसे प्रोडक्ट का नाम, प्राइस आदि की जानकारी दर्ज करें।
  3. बारकोड के लिए तीसरा काम अपनी पसंद का फॉन्ट, आकार और कलर चुनने से जुड़ा है।
  4. एक बार टूल बारकोड बना लेता है तो इसे चेक करने के प्रॉसेस पर आना होगा। बारकोड स्कैनर या फोन में बारकोड रीड करने वाले ऐप की मदद से इसे चेक कर सकते हैं।

ये भी पढ़ेंः बड़े काम का है QR Code, पेमेंट करने में ही नहीं, हैकर्स से भी सुरक्षित रखता है आपकी निजी जानकारियां

इन कामों में होता है बार कोड का इस्तेमाल

  • सुपरमार्केट और रिटेलर द्वारा बेची गई वस्तुओं और इन्वेंट्री को ट्रैक करने के लिए के बार कोड इस्तेमाल होता है।
  • लाइब्रेरी द्वारा किसी पाठक द्वारा ली गई किताब की पहचान और ट्रैकिंग के लिए बार कोड इस्तेमाल होता है।
  • मैन्यूफैक्चरर और शिपर्स बार कोड को स्कैन कर किसी प्रोडक्ट की मूवमेंट ट्रैक कर सकते हैं।
  • अस्पतालों में किसी मरीज की पहचान के लिए भी बारकोड को स्कैन किया जाता है।
  • किसी कर्मचारी के काम के घंटों को ट्रैक करने के लिए भी बार कोड को स्कैन किया जाता है।