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OnePlus, Oppo और Realme के फ्लैगशिप फोन में दिख सकता है एक बड़ा बदलाव, Smartphone चलाने का बदल जाएगा अंदाज

OnePlus Oppo और Realme अपने ग्राहकों के लिए एक खास तैयारी कर रही हैं। कंपनियां अपने फ्लैगशिप डिवाइस को अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट सेंसर से लैस बना सकती हैं। अल्ट्रासोनिक सेंसर की बात करें तो इस सेंसर को अमूमन प्रीमियम फ्लैगशिप स्मार्टफोन में ही देखा जाता है।अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट सेंसर टेक्नोलॉजी के साथ मजबूत सिक्योरिटी की सुविधा रहती है। अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट सेंसर वॉटर रेजिस्टेंट भी होते हैं।

By Shivani Kotnala Edited By: Shivani Kotnala Updated: Tue, 09 Apr 2024 12:15 PM (IST)
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OnePlus, Oppo और Realme के फ्लैगशिप फोन में दिख सकता है एक बड़ा बदलाव
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। OnePlus, Oppo और Realme अपने ग्राहकों के लिए एक बड़ी तैयारी कर रहे हैं।

ये कंपनियां अपने ग्राहकों के लिए अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट सेंसर से लैस फोन पेश करने की योजना पर काम कर रही हैं।

हालांकि, इन कंपनियों के फ्लैगशिप मॉडल में ही इस बड़े बदलाव को देखा जा सकेगा। बता दें, ये कंपनियां BBK Electronics के तहत आती हैं।

बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन के लिए नई टेक्नोलॉजी

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ये कंपनियां अपने फ्लैगशिप फोन में बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन के लिए एक नई टेक्नोलॉजी को पेश कर सकती हैं।

अब सवाल यह कि अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट सेंसर क्या है और यह दूसरे सेंसर से अलग कैसे काम करता है।

कितनी तरह के होते हैं फिंगरप्रिंट सेंसर

दरअसल, इन दिनों कंपनियां अपने स्मार्टफोन में इन-डिस्ले फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन की सुविधा पेश करती हैं। इस खास सिस्टम के लिए फोन ब्रांड दो तरह के फिंगरप्रिंट सेंसर का इस्तेमाल करते हैं- पहला अल्ट्रासोनिक और दूसरा ऑप्टिकल सेंसर

अल्ट्रासोनिक सेंसर की बात करें तो इस सेंसर को अमूमन प्रीमियम फ्लैगशिप स्मार्टफोन में ही देखा जाता है।

अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट स्कैनर पर जैसे ही स्मार्टफोन यूजर अपनी फिंगर रख कर प्रेस करता है सेंसर फिंगरप्रिंट का 3D मैप क्रिएट करता है। यह 3D मैप स्क्रीन के नीचे से अल्ट्रासोनिक साउंड वेव का इस्तेमाल कर क्रिएट होता है।

अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट सेंसर क्यों है खास

दरअसल, अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट सेंसर टेक्नोलॉजी के साथ मजबूत सिक्योरिटी की सुविधा रहती है। इतना ही नहीं, अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट सेंसर को पानी से भी किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचता।

इस तरह का सेंसर हाई-डिटेक्शन एक्युरेसी के साथ काम करता है।

हालांकि, यहां बताना जरूरी है कि इस तरह के स्कैनर मैन्युफैक्चरर के लिए कुछ महंगा खर्चा होता है। इतना ही नहीं, इस टेक्नोलॉजी से जुड़ा प्रॉसेस भी ऑप्टिकल फिंगरप्रिंट स्कैनर के मुकाबले कुछ मुश्किल होता है।

वहीं दूसरी ओर ऑप्टिकल फिंगरप्रिंट स्कैनर कम महंगे और सुरक्षित होते हैं। इस तरह के सेंसर लाइट का इस्तेमाल कर फिंगरप्रिंट की 2D इमेज कैप्चर करते हैं।

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