Online Fraud: त्योहारों में बचें साइबर ठगी से, यहां जानिए किन परिस्थितियों में आपका पैसा मिल सकता है वापस...
आरबीआइ के मुताबिक अगर बैंक फ्राड की रिपोर्ट आपने चार से सात दिनों के अंदर कर दी है तो भी बैंक पैसे लौटा सकता है लेकिन 100 प्रतिशत पैसे वापस नहीं किए जाएंगे। वहीं इससे ज्यादा देरी होने पर आपको पैसे वापस मिलने की उम्मीद छोड़नी पड़ सकती है।
By Jagran NewsEdited By: Sanjay PokhriyalUpdated: Tue, 18 Oct 2022 07:32 PM (IST)
संतोष आनंद। देश में दीपावली सहित अन्य त्योहारों को मनाने का उत्साह हर जगह दिख रहा है। त्योहारी सीजन में आनलाइन खरीदारी भी काफी बढ़ गई है। यदि आप सावधानी के साथ खरीदारी करते हैं, तो ठगी से बच सकते हैं। हां, इस दौरान यदि आप साइबर ठगी के शिकार हो जाते हैं, तो फिर यह जानना जरूरी है कि किन परिस्थितियों में आपका पैसा वापस मिल सकता है...
त्योहारी सीजन में तकरीबन सभी ई-कामर्स प्लेटफार्म पर लुभावने आफर्स की खूब पेशकश की जाती है। इनका लाभ उठाने के लिए लोग भी जमकर आनलाइन खरीदारी करते हैं। हालांकि साइबर ठग भी इन्हीं मौकों की तलाश में रहते हैं, खासकर जब लोगों की आनलाइन गतिविधियां काफी बढ़ जाती हैं। हाल के वर्षों में साइबर ठगी से जुड़ी घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। देखा जाए, तो ये ठग लोगों की लापरवाही का फायदा उठाते हैं और झटके में उनके बैंक खाते से पैसे उड़ा लेते हैं। कई बार डिजिटल पेमेंट कंपनी की तरफ से हुई लापरवाही के चलते भी नुकसान हो जाता है। अगर आप भी इस तरह की आनलाइन ठगी के शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत इसकी शिकायत करनी चाहिए, ताकि आपका पैसा वापस मिल सके।
पैसा वापस मिलने की शर्तें
अगर आप बैंकिंग फ्राड की वजह से आर्थिक नुकसान उठाते हैं, तो कई मामलों में आपको अपना पैसा फिर से वापस मिल सकता है,लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आप सबके पहले इसकी शिकायत दर्ज कराएं। हालांकि यहां कुछ शर्तें हैं। यदि आप ठगी के तीन दिन के अंदर ही अपने बैंक में शिकायत दर्ज करा देते हैं, तो पूरा पैसा मिलने की उम्मीद रहती है। इसमें छुट्टी शामिल नहीं है यानी तीन वर्किंग-डे। आमतौर पर तीन दिनों के अंदर शिकायत दर्ज कराने पर बैंक 10 दिनों के अंदर पूरे पैसे लौटाने का दावा करता है। हालांकि ये पैसे आपके एकाउंट में शेडो क्रेडिट होगा, जिसे एकाउंट में क्रेडिट होने में तकरीबन 90 दिनों का भी समय लग सकता है। इसके अलावा, यहां पर एक शर्त यह भी है कि बैंक आपको उसी स्थिति में पैसा वापस करेगा, यदि ठगी आपकी गलती से नहीं हुई होगी। इसका मतलब है कि आप ठग को कोई भी जानकारी नहीं देते हैं, लेकिन फिर भी पैसा बैंक से गायब हो जाता है। कई बार लोग खुद ही साइबर ठग के जाल में फंसकर बैंकिंग डिटेल दे देते हैं, ऐसी स्थिति में पैसा वापस नहीं मिलेगा। आरबीआइ के मुताबिक, अगर बैंक फ्राड की रिपोर्ट आपने चार से सात दिनों के अंदर कर दी है, तो भी बैंक पैसे लौटा सकता है, लेकिन 100 प्रतिशत पैसे वापस नहीं किए जाएंगे। वहीं इससे ज्यादा देरी होने पर आपको पैसे वापस मिलने की उम्मीद छोड़नी पड़ सकती है। इसके लिए बैंक का एक बोर्ड तय करेगा आपको पैसे लौटाएं जाएं या फिर नहीं।
मत कीजिए ऐसी गलती
कई बार खुद की गलतियों या फिर लालच की वजह से भी साइबर ठगी के शिकार हो जाते हैं। अगर आप खुद की वजह से साइबर ठगी में पैसा गंवाते हैं, तो फिर ऐसी स्थिति में आपको पैसा वापस नहीं मिलेगा। कई बार ठग बहाना बना कर ओटीपी हासिल कर लेते हैं या फिर लोगों के डिवाइस में एनी डेस्क या टीम व्यूअर जैसे एप को इंस्टाल करवा कर ठगी को अंजाम देते हैं। अगर इन तरीकों से पैसा गंवाते हैं, तो फिर बैंक आपको पैसा वापस नहीं लौटाएगा। इतना ही नहीं, आजकल सिम कार्ड क्लोनिंग और कार्ड ब्लाक जैसे मैसेज या काल के जरिए भी खूब ठगी हो रही है। इन मामलों में ठग उस मोबाइल नंबर से एक्टिवेट बैंक खातों से पैसे निकाल लेते हैं। इसी तरह से कई बार डेबिट कार्ड ब्लाक करने के नाम पर भी ठग आपको शिकार बनाते हैं। यदि आपने कोई भी जानकारी ठगों के साथ साझा की है, तो इस स्थिति में भी बैंक पैसा वापस नहीं लौटाएगा।शिकायत में न करें देरी
अगर आप किसी आनलाइन फाइनेंशियल फ्राड में फंस जाते हैं, तो फिर तुरंत शिकायत दर्ज करवाएं। कई बार लोगों को यह समझ में ही नहीं आता है कि साइबर ठगी की शिकायत कहां दर्ज करवाएं या फिर लोग कई बार नजदीकी थाना जाने से भी बचते हैं। मगर अब आप आनलाइन भी साइबर ठगी की शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। इसके लिए https://www.cybercrime.gov.in साइट पर विजिट कर सकते हैं या फिर फाइनेंशियल नुकसान से बचने के लिए नेशनल हेल्पलाइन नंबर 1930 (पहले यह नंबर 155260 था) पर काल कर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।कैसे दर्ज कराएं रिपोर्ट
नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराना आसान है। सबसे पहले राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल की आफिशियल वेबसाइट (cybercrime.gov.in) पर जाएं। यहां पर हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं की सुविधा मिलती है। यहां 'रिपोर्ट साइबर क्राइम रिलेटेड टु वूमन/चाइल्ड' और 'रिपोर्ट अदर साइबर क्राइम' के दो अलग-अलग सेगमेंट दिखाई देंगे। अब आप जिस संबंध में शिकायत दर्ज कराना चाहते हैं, उस पर क्लिक करें। आमतौर पर जालसाजी, फिशिंग, हैकिंग, ठगी जैसे मामले ‘अदर साइबर क्राइम’ के तहत आते हैं। इस पर क्लिक करने के बाद मोबाइल नंबर सहित अन्य जानकारी मांगी जाएगी, जिसे आपको भरना होगा। वहीं, ‘साइबर क्राइम रिलेटेड टु वूमन/चाइल्ड ’ में पोर्नोग्राफी, आनलाइन बुलिंग आदि जैसे मामले आते हैं। यहां पर आपको रिपोर्ट अनानमस्ली यानी गुमनाम तरीके से और रिपोर्ट ऐंड ट्रैक के विकल्प दिए गए हैं। इनमें अपनी पहचान गुप्त रखते हुए भी साइबर क्राइम की शिकायत दर्ज की जा सकती है। जरूरत के अनुसार यूजर्स कोई भी विकल्प चुन सकता है। इसके बाद क्राइम कैटेगरी को सलेक्ट करने के बाद आरोपी का नाम, जगह और सबूत मांगे जाएंगे। सभी तरह की जरूरी जानकारियां भरने के बाद शिकायत को सबमिट कर दें। इसके बाद आपको एक यूनिक नंबर के रूप में कंप्लेंट आइडी मिलेगी। इस नंबर के जरिए ही बाद में अपनी कंप्लेंट को ट्रैक कर पाएंगे। अपनी शिकायत को ट्रैक करने के लिए पोर्टल पर लागइन करना होगा। फिर रिपोर्ट ऐंड ट्रैक बटन पर क्लिक करना होगा। इसके बाद कंप्लेंट आइडी के जरिए स्थिति की जांच कर सकते हैं।नजरअंदाज न करें ये बातें
- किसी अनजान नाम से भेजी गई ईमेल और वेबसाइट को खोलने से पहले उस पर लिखे गए टेक्स्ट की स्पेलिंग चेक करें। आमतौर पर फर्जी ईमेल और साइट पर शब्दों की स्पेलिंग गलत लिखी होती है। रियल साइट और ईमेल में इस तरह की गलतियां नहीं होती हैं। इससे फिशिंग हमले से बच सकते हैं।
- एप्स को डाउनलोड करने के लिए आफिशियल एप स्टोर की ही मदद लेनी चाहिए। अगर एंड्रायड फोन के लिए एप्स को डाउनलोड करना चाहते हैं, तो फिर गूगल प्ले स्टोर या फिर आइफोन के लिए एपल के एप स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं।
- यदि आप भुगतान करने के लिए क्यूआर कोड का उपयोग कर रहे हैं, तो भुगतान की पुष्टि करने से पहले दिखाए गए डिटेल पर ध्यान दें। किसी भी तरह की जल्दबाजी से बचें।
- अगर आप एटीएम कार्ड या क्रेडिट कार्ड लेते हैं, तो फोन बैंकिंग जरूर अपडेट करें और अपना फोन नंबर अपडेट रखें।
- फोन बैंकिंग अपडेट नहीं होने पर ठगी के मामले में रिटर्न मिलने में परेशानी हो सकती है।
- खुद ओटीपी नंबर या कार्ड की डिटेल किसी के साथ भी साझा न करें। अगर फ्राड हो जाए, तो तीन दिन के भीतर ही बैंक में शिकायत करें।
- गूगल से कस्टमर केयर का नंबर सर्च न करें, क्योंकि ठग अपने नंबर को अपलोड कर लोगों को शिकार बनाते हैं। आप चाहें, तो नंबर के लिए आफिशियल साइट पर विजिट कर सकते हैं।