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OpenAI के ChatGPT में यूजर की चैट अब नहीं होगी रिवील, कंपनी ला रही नया प्राइवेसी फीचर

Incognito mode in ChatGPT यूजर्स की प्राइवेसी के लिए ओपनएआई ने चैटबॉट मॉडल चैटजीपीटी के लिए नए फीचर को पेश करने की बात कही है। बहुत जल्द यूजर्स के लिए इंकोग्निटो मोड लाया जा रहा है। (फोटो- पेक्सल)

By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Wed, 26 Apr 2023 09:06 AM (IST)
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Incognito mode in ChatGPT For Users, Pic Courtesy- Pexels
नई दिल्ली, टेक डेस्क। बीते साल अमेरिका की एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप कंपनी ओपनएआई ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित चैटबॉट सुविधा को रोलआउट किया था। यह चैटबॉट चैटजीपीटी के नाम से लाया गया है। देखते ही देखते चैटजीपीटी टेक की दुनिया से निकल इंटरनेट की दुनिया में यूजर्स के लिए एक बड़ा आकर्षण बन गया है।

इसी कड़ी में ह्यूमन-लाइक टेक्स्ट जेनेरेट करने की खूबियों के साथ आने वाले चैटबॉट मॉडल में यूजर को एक खास और नई सुविधा मिलने जा रही है।

यूजर्स के लिए लाया जा रहा इंकोग्निटो मोड

दरअसल ओपनएआई ने यूजर्स की प्राइवेसी बनाए रखने के लिए चैटजीपीटी में इंकोग्निटो मोड को रोलआउट करने जा रही है।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट की मानें तो कंपनी ने खुद इस नए फीचर की जानकारी दी है।

यूजर की चैट रहेगी सिक्योर

ओपनएआई चैटजीपीटी में नया सुधार पेश करते हुए यूजर्स की हिस्ट्री को सिक्योर रखना चाहती है। वहीं नए फीचर इंकोग्निटो मोड की मदद से यूजर की चैट को प्राइवेट रखा जा सकेगा। मालूम हो कि यूजर की प्राइवेसी को लेकर ही चैटजीपीटी मॉडल को इटली में बैन कर दिया गया है।

दूसरी ओर फ्रांस और स्पेन जैसे देश भी चैटजीपीटी बैन की योजना में हैं। ऐसे में चैटबॉट मॉडल को पहले से बेहतर बनाने की कड़ी में इसमें नए सुधार पेश किए जा रहे हैं।

क्या होता है इंकोग्निटो मोड

आसान शब्दों में समझें तो इंकोग्निटो मोड का इस्तेमाल प्राइवेसी से जुड़ा जाता है। जब किसी यूजर द्वारा उसके सिस्टम पर इंटरनेट का इस्तेमाल कर किसी वेबसाइट पर विजिट किया जाता है या किसी इन्फोर्मेशन को सर्च किया है तो यह यूजर की प्राइवेसी में नहीं होता है।

वेब ब्राउजर डिफॉल्ट रूप से यूजर की जानकारियों का रिकॉर्ड रखते हैं। सिस्टम में रिकॉर्ड होने की वजह से दोबारा हिस्ट्री के जरिए उसी इन्फोर्मेशन के पेज पर पहुंचा जा सकता है। हालांकि कुछ स्थितियों में यूजर नहीं चाहता कि उसके द्वारा सर्च किए गए कंटेंट का रिकॉर्ड रखा जाए।

ऐसे में इंकोग्निटो मोड काम आता है। इंकोग्निटो मोड में यूजर की आइडेंटिटी एक तरह से छुपी रहती है, ना ही उसके द्वारा सर्च किए गए कंटेंट की जानकारी का पता लगता है। यह प्राइवेट मोड सेफ सर्चिंग का तरीका होता है।

एडिशनल फीचर का भी उठा सकते हैं फायदा

इसके साथ चैटजीपीटी में यूजर के लिए "ChatGPT Business" सब्सक्रिप्शन भी पेश किया जा रहा है। इस सब्सक्रिप्शन की मदद से यूजर एडशनल डेटा कंट्रोल के ऑप्शन पा सकेंगे। (एजेंसी इनपुट के साथ)