Move to Jagran APP

टेक्नोलॉजी की मदद से आंतकियों को मदद पहुंचा रहा पाक, PoK में लगा रहा खास टॉवर; जम्मू की जेल तक आ रहे सिग्नल

जम्मू क्षेत्र के पीर पंजाल के दक्षिण में घुसपैठ की कोशिशों और हाल के आतंकी हमलों के पैटर्न के अध्ययन के बाद अधिकारियों ने कहा कि आतंकवादी समूह अत्यधिक एन्क्रिप्टेड YSMS सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि घुसपैठ की गतिविधियों में मदद करने के उद्देश्य से PoK में टेलीकॉम टॉवर को बढ़ाया जा रहा है। आइये पूरे मामले के बारे में जानते हैं।

By Agency Edited By: Ankita Pandey Updated: Tue, 20 Feb 2024 02:40 PM (IST)
Hero Image
आतंकी समूहों की मदद के लिए पाक ने PoK में बढ़ाए टेलीकॉम टावर
पीटीआई, नई दिल्ली।अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों और उनके सहयोगियों को घुसपैठ की गतिविधियों में मदद करने के उद्देश्य से हाल के दिनों में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में नियंत्रण रेखा के पास दूरसंचार टावरों की संख्या में वृद्धि की गई है।

अधिकारियों ने विशेष रूप से जम्मू के पीर पंजाल के दक्षिण में घुसपैठ की कोशिशों और हाल के आतंकी हमलों के पैटर्न के अध्ययन के बाद कहा कि आतंकवादी समूह अत्यधिक एन्क्रिप्टेड YSMS सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं। यह एक ऐसी तकनीक जो गुप्त संचार उद्देश्यों के लिए स्मार्ट फोन और रेडियो सेट को मर्ज करती है।

कैसे काम करेगी तकनीक

इस तकनीक की मदद से पीओके में एक आतंकी संगठन का हैंडलर एलओसी के पार इस्तेमाल होने वाले टेलीकॉम नेटवर्क पर जम्मू क्षेत्र में घुसपैठ करने वाले समूह और उसकी रिसेप्शन पार्टी से जुड़ा होता है। ऐसा सेना या बीएसएफ से बचने के लिए किया जाता है, जो पाकिस्तान के साथ सीमाओं की रक्षा करते हैं।

टेलीकॉम सिग्नल को बढ़ावा देने की परियोजना पूरी तरह से पाकिस्तानी सेना अधिकारी मेजर जनरल उमर अहमद शाह के नेतृत्व वाले विशेष संचार संगठन (एससीओ) को सौंप दी गई है। माना जाता है कि वह पहले पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई के साथ काम करता था।

एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास दूरसंचार टावरों का रणनीतिक प्लेसमेंट, जो आम तौर पर घुसपैठ गतिविधियों में आतंकवादियों और उनके सहयोगियों की सहायता के लिए उपयोग किया जाता है, संयुक्त राष्ट्र के तहत एक निकाय, अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) के संविधान के अनुच्छेद 45 का उल्लंघन है।

यह भी पढ़ें - Tecno Spark 20C: 50MP कैमरा और 5000mAh बैटरी वाला टेक्नो फोन भारत में होने जा रहा लॉन्च, ऐसी होंगी खूबियां

गलत या भ्रामक संकेतों के प्रासारण की मनाही

आईटीयू के संविधान के अनुच्छेद 45 में सभी 193 सदस्य देशों को पहचान संकेतों के प्रसारण या प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है।

अधिकारियों ने कहा कि आईटीयू के तहत रेडियोकम्यूनिकेशन ब्यूरो (बीआर) ने दोहराया है कि सभी स्टेशनों को अनावश्यक प्रसारण, या अनावश्यक संकेतों का प्रसारण, या गलत या भ्रामक संकेतों का प्रसारण, या बिना पहचान के संकेतों का प्रसारण करने से मना किया गया है। आपको बता दें कि मामले को संबंधित अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने के लिए मंत्री स्तर पर चर्चा की जा रही है।

अधिकारियों ने कहा कि नए टेलीकॉम टावर कोड-डिवीजन मल्टीपल एक्सेस (सीडीएमए) तकनीक पर काम कर रहे हैं और एन्क्रिप्शन मुख्य रूप से वाईएसएमएस संचालन को पूरा करने के लिए एक चीनी फर्म द्वारा किया गया है।

यह रूज टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर जम्मू और कश्मीर क्षेत्रों में घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों और उनके संपर्कों का समर्थन करता है।

नियंत्रण रेखा पर सीडीएमए प्रौद्योगिकी की तैनाती निगरानी प्रयासों को जटिल बनाने के उद्देश्य से की गई है क्योंकि प्रौद्योगिकी एक ही ट्रांसमिशन चैनल पर कई संकेतों की अनुमति देती है, जिससे अवैध संचार को नियंत्रित करने में चुनौतियां पैदा होती हैं।

नए तकनीकी का परीक्षण

अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा खतरों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सुरक्षा एजेंसियों द्वारा देश भर में, विशेषकर जेलों में नई तकनीक का परीक्षण किए जाने की संभावना है।

अधिकारियों ने कहा कि जेलों में सेल फोन की तस्करी एक जरूरी सार्वजनिक सुरक्षा खतरा पैदा करती है, जिससे अपराधियों को जेल के भीतर से आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने का अधिकार मिलता है।

कई सुरक्षा एजेंसियों द्वारा संकेत दिए जाने के बाद यह बात सामने आई है कि पीओके से दूरसंचार सिग्नल भारतीय क्षेत्रों में प्रवेश कर रहे हैं, जिससे कश्मीर में बारामूला और कुपवाड़ा से लेकर जम्मू संभाग में जम्मू, कठुआ, राजौरी और पुंछ जिले तक के क्षेत्र प्रभावित हो रहे हैं।

विशेष चिंता का विषय भारतीय धरती पर आतंकवादियों और पाकिस्तान में उनके आकाओं के बीच संचार है, जो लोरा, वाईएसएमएस, बायडू और थुराया सैटेलाइट कम्युनिकेशन जैसी विभिन्न तकनीकों द्वारा सुगम है।

यह भी पढ़ें -OnePlus Watch 2 भारत में जल्द होगा लॉन्च, कंपनी ने सोशल मीडिया के जरिए किया टीज