गैरकानूनी तरीके से बिक रहे 6ई वाई-फाई राउटर्स पर कार्रवाई संभव, सेलुलर ऑपरेटर्स कंपनियों ने डॉट के समक्ष उठाया मुद्दा
इसके सुरक्षा पहलुओं को लेकर दूरसंचार विभाग (डॉट) में तकनीकी विमर्श शुरु हो चुका है। इस बारे में सरकार के दूसरे मंत्रालयों से भी विमर्श किया जाएगा। डॉट इनके खिलाफ जल्द कार्रवाई करने का निर्देश देने के मूड में है। 6ई वाई-पाई राउटर्स का इस्तेमाल ना सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में बढ़ रहा है। इसे निर्बाध तरीके से इंटरनेट ब्राउजिंग का एक उपयोगी तरीका माना ज रहा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश के ई-कॉमर्स वेबसाइट पर धड़ल्ले से बेचे जा रहे 6ई वाई-फाई राउटर्स का मुद्दा गरमा रहा है। देश की दूरसंचार कंपनियों ने इनको पूरी तरह से प्रतिबंधित करने की मुहिम छेड़ दी है। इस बारे में सेलुलर्स आपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सीओएआई) ने ना सिर्फ दूरसंचार विभाग को पत्र लिखा है बल्कि संबंधित सरकारी अधिकारियों से मिल कर इस मुद्दे से जुड़े तमाम पहलुओं की जानकारी भी दी है।
हो सकती है कार्रवाई
इसके सुरक्षा पहलुओं को लेकर दूरसंचार विभाग (डॉट) में तकनीकी विमर्श शुरु हो चुका है और इस बारे में सरकार के दूसरे मंत्रालयों से भी विमर्श किया जाएगा। डॉट इनके खिलाफ जल्द कार्रवाई करने का निर्देश देने के मूड में है।6ई वाई-पाई राउटर्स का इस्तेमाल ना सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में बढ़ रहा है और इसे निर्बाध तरीके से इंटरनेट ब्राउजिंग का एक उपयोगी तरीका माना ज रहा है। इसमें इंटरनेट की स्पीड बहुत अच्छी होती है और दूसरे नेटवर्क इसमें अड़चन पैदा नहीं करते। इस वजह से यह प्रचलित है लेकिन इसकी एक बड़ी समस्या यह है कि यह 6गीगाहर्ट्ज बैंड पर चलता है और भारत में इसकी अनुमति नहीं है। सीओएआई ने डॉट के सचिव नीरज मित्तल को एक पत्र लिख कर पूरी स्थिति स्पष्ट की है।
इसमें लिखा गया है कि, “कई वेबसाइट के जरिए 6ई वाई-फाई राउटर्स भारत में बेची जा रही है जबकि भारत सरकार की तरफ से इसकी इजाजत नहीं है। दूरसंचार कानून, 2023 के मुताबिक भारत में स्पेक्ट्रम पर इकलौता अधिकार भारत सरकार का है और इसकी मंजूरी के बगैर कोई भी स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल नहीं कर सकता।'' सीओएआई ने 15 ऐसे वेबसाइट व ई-कॉमर्स प्लेटफार्म का पता भी दिया है जिन पर उक्त राउटर्स बेचे जा रहे हैं। इसमें कुछ कंपनियों के अपने ई-कामर्स प्लेटफार्म हैं जबकि अमेजन पर भी यह उपलब्ध है।
भारत सरकार ने अभी तक 6जी स्पेक्ट्रम का आवंटन नहीं किया है। इसके बावजूद इस स्पेक्ट्रम के इस्तेमाल करना ना सिर्फ देश के कानून का उल्लंघन है बल्कि इसका इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों पर भी कानूनी कार्रवाई हो सकती है। इस बात का उल्लेख भी सीओएआई ने डॉट के समक्ष किया है क्योंकि किसी को भी गैरकानूनी तरीके से देश के स्पेक्ट्रम के इस्तेमाल की अनुमति नहीं है। कानूनी कार्रवाई होने की स्थिति में जानकारी नहीं होने के बावजूद ग्राहक फंस सकते हैं।