Qualcomm, Intel और Google ने Huawei के लिए सॉफ्वेयर सप्लाई पर लगाई रोक
ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार को Huawei को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। इस कंपनी पर बीजिंग की सहायता से जासूसी का आरोप लगाया गया है
By Shilpa Srivastava Edited By: Updated: Mon, 20 May 2019 10:31 AM (IST)
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। अमेरिका की मुख्य चिपमेकर कंपनियों से लेकर टेक जाइंट Google ने Huawei Technologies को सॉफ्टवेयर और कॉम्पोनेंट्स सप्लाई करना बंद कर दिया है। Intel, Qualcomm, Xilinx और Broadcom जैसी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को यह हिदायत दी है वो अगले नोटिस तक Huawei को कुछ भी सप्लाई नहीं करेंगे। वहीं, Google ने भी इस कंपनी को हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर सप्लाई करने से साफ मना कर दिया है। दरअसल, ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार को Huawei को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। इस कंपनी पर बीजिंग की सहायता से जासूसी का आरोप लगाया गया है। साथ ही Huawei ने अपने प्रोडक्टस को बनाने के लिए अमेरिका के सॉफ्टवेयर और सेमीकंडटर्स को काटने की धमकी दी है।
Huawei कंपनी की अहम कंपोनेंट्स को न देना Micron Technology जैसी अमेरिकी चिप दिग्गज कंपनियें के बिजनेस को बाधित कर सकता है। साथ ही दुनियाभर में 5G वायरलेस नेटवर्क के रोलआउट को धीमा भी कर सकता है। इसका असर चीन पर भी पड़ेगा। इस कदम से अमेरिकी कंपनियों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। अगर इसे पूरी तरह से लागू किया जाता है तो यह वैश्विक तौर पर सेमिकंडक्टर इंडस्ट्री पर प्रभाव डाल सकता है। Intel चीन की कंपनियों को सर्वर चिप्स उपलब्ध कराने वाला मुख्य सप्लायर है। वहीं, Qualcomm स्मार्टफोन्स के लिए प्रोसेसर और मॉडम उपलब्ध कराता है। Xilinx नेटवर्किंग में इस्तेमाल की जाने वाली प्रोग्रामेबल चिप्स और Broadcom स्विचिंग चिप्स का सप्लायर है। फिलहाल इन कंपनियों ने इस मामले को लेकर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से मना किया है।
आपको बता दें कि Huawei कंपनी अमेरिकी सेमिकंडक्टर प्रोडक्टस पर काफी हद तक निर्भर है। ऐसे में सप्लाई बंद होने से कंपनी परेशानियों का सामने करना पड़ सकता है। इस बात की जानकारी Rosenblatt Securities के विश्लेषक रायन कून्ट्ज ने दी है। अमेरिका द्वारा लगाया गया यह बैन चीन को 5G नेटवर्क बिल्ड करने में बाधा डाल सकता है। हालांकि, ऐसा कहा जा रहा है कि Huawei ने अपने बिजनेस को कम से कम तीन महीने तक ठीक से चलाने के लिए पर्याप्त चिप्स और अन्य महत्वपूर्ण कंपोनेंट्स का स्टॉक रखा हुआ है। इसकी तैयारी कंपनी ने वर्ष 2018 के मध्य से ही शुरू कर दी थी। लेकिन कंपनी के अधिकारियों का मानना है कि उनकी कंपनी अमेरिकी-चीनी व्यापार वार्ता में चल रहे एक नेगोसिएशन चिप बन गई है और अगर यह ट्रेड डील हो जाती है तो वो अमेरिका से खरीदारी को फिर से शुरू कर सकते हैं।