Ratan Tata Last Post: आप सभी का शुक्रिया... पद्म विभूषण रतन टाटा ने आखिरी सोशल मीडिया पोस्ट में क्यों लिखा अफवाह न फैलाएं?
भारतीय बिजनेसमैन और टाटा ग्रुप के पूर्व प्रमुख रतन टाटा का 86 वर्ष की उम्र में स्वर्गवास हो गया। वे उम्र संबंधी परेशानियों से जूझ रहे थे। दो दिन पहले ही तबियत नासाज होने के चलते ब्रीच कैंडी अस्पताल में ले जाया गया था। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया। यह पोस्ट रतन टाटा का अंतिम पोस्ट था।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। बिजनेसमैन और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का 86 वर्ष की उम्र में मुंबई में स्वर्गवास हो गया। उनके नेतृत्व में टाटा ग्रुप को ग्लोबल पहचान मिली। उन्हें उनके कुशल और दूरदर्शी फैसलों के लिए हमेशा यादा किया जाता रहेगा। रतन टाटा को इस सप्ताह के शुरुआत तबियत बिगड़ने के बाद मुंबई स्थित ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
अस्पताल में भर्ती करवाए जाने के बाद रतन टाटा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर अपने स्वास्थ्य का अपडेट दिया था। यह उनका अंतिम सोशल मीडिया पोस्ट था। रतन टाटा का यह पोस्ट अब काफी वायरल हो रहा है और लोग इसे शेयर और लाइक कर रहे हैं। इस पोस्ट में वे लिखते हैं कि नियमित उम्र संबंधी जांच के लिए वे अस्तपाल में थे। इसके साथ ही उनका हाल चाल पूछने के लिए लोगों का धन्यवाद व्यक्त कर रहे हैं।
रतन टाटा का आखिरी सोशल मीडिया पोस्ट
Thank you for thinking of me 🤍 pic.twitter.com/MICi6zVH99— Ratan N. Tata (@RNTata2000) October 7, 2024
मेरे बारे में चिंता करने के लिए आप सभी धन्यवाद। मेरे स्वास्थ्य के बारे में चल रही अफवाहों से मैं अवगत हूं और आप सभी यह आश्वस्त करना चाहता हूं कि ये दावे निराधार हैं। फिलहाल अपनी उम्र और संबंधित चिकित्सा स्थितियों के कारण मैं जरूरी चिकित्सा जांच करवा रहा हूं। चिंता की बात नहीं है। मैं अच्छे मूड में हूं और अनुरोध करता हूं कि किसी तरह की गलत सूचना फैलाने से बचें।
9 अक्टूबर को फिर बिगड़ी तबियत
9 अक्टूबर को, देर शाम को मीडिया में रिपोर्ट में आईं कि रतन टाटा की तबियत बिगड़ने के चलते उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया है। इसके बाद टाटा समूह ने एक बयान जारी कर बताया कि उनके मानद चेयरमैन का निधन हो गया है।
टाटा ग्रुप के साथ देश का भी विकास
टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने प्रेस रिलीज में बताया कि हम सभी रतन नवल टाटा को बहुत दुख के साथ विदाई दे रहे हैं। वे वास्तव में असाधारण लीडर थे, जिके अतुल्य योगदान ने न सिर्फ टाटा ग्रुप बल्कि देश कैसे आगे बढ़े इसके ताने-बानो को आकार दिया है। उन्होंने रतन टाटा को अपना मित्र और मार्गदर्शक बताया।